मछली पट्टी में लगी आग, अफरा-तफरी

चंपासारी के आसमान पर छाया धुएं का गुबार कारोबारियों पर ही लगा आग लगानेका आरोप थर्मोकोल को निपटाने के लिए आग लगाते हैं मछली कारोबारी पूरे इलाके में प्रदूषण की समस्या पर प्रशासन नहीं करता कार्रवाई सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के मछलीपट्टी में आग लगने से खलबली मच गई. शुक्रवार को यह घटना शाम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 11, 2019 2:09 AM

चंपासारी के आसमान पर छाया धुएं का गुबार

कारोबारियों पर ही लगा आग लगानेका आरोप

थर्मोकोल को निपटाने के लिए आग लगाते हैं मछली कारोबारी

पूरे इलाके में प्रदूषण की समस्या पर प्रशासन नहीं करता कार्रवाई

सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट के मछलीपट्टी में आग लगने से खलबली मच गई. शुक्रवार को यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई है. मिली जानकारी के अनुसार मछलीपट्टी के बाहर थर्माकोल के बक्से एवं कचरे का अंबार लगा हुआ है. इसी में आग लग गई. इससे हालांकि जान माल का तो कोई नुकसान नहीं हुआ है.

लेकिन धुएं के गुबार से इलाके के लोग आतंकित हो गए. तत्काल ही इसकी जानकारी दमकल विभाग को दी गई. खबर मिलते ही सिलीगुड़ी दमकल केंद्र से दो इंजन मौके पर पहुंची एवं आग को काबू में किया. स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां के मछली कारोबारी बीच-बीच में थर्माकोल के कचरे में आग लगा देते हैं. जिससे यहां प्रदूषण की समस्या लगातार बढ़ रही है. आज आग की मात्रा कुछ अधिक थी.आग की लपटें काफी तेज उठ रही थी. जिसके कारण लोग आतंकित हो गए. पलभर में ही आग ने तेज रूप धारण कर लिया.

देखते ही देखते चंपासारी के आसमान पर काले धुएं ने कब्जा कर लिया.गनीमत यह रही कि आग ने कोई बड़ा नुकसान नहीं किया. स्थानीय लोगों का कहना है कि आग लगने की घटना पहली बार नहीं हुई है. बार-बार ऐसी घटना होती है. दरअसल यहां के मछली कारोबारी ही कचरा निपटाने के लिए थर्माकोल के बक्से में आग लगा देते हैं. सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमिटी के साथ-साथ प्रधान नगर थाने में भी कई बार इसकी शिकायत दर्ज कराई गई.

लेकिन इसका कोई लाभ नहीं हुआ. आग लगने की घटना की जानकारी देते हुए मौके पर मौजूद दमकल अधिकारी ने बताया कि कचरे के निपटान की व्यवस्था यहां नहीं है. थर्मोकोल के बक्से में आग लगने की घटनाएं बार-बार होती है. पल भर में ही दमकल कर्मियों को भागकर आना पड़ता है. जबकि कचरे के निपटान की सही व्यवस्था सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट कमिटी को करनी चाहिए.

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