बदइंतजामी से घंटों परेशानी झेल रहे रेलयात्री
चटेरहाट स्टेशन पर बैठने तक की व्यवस्था नहीं दुर्घटना के लिए रेलवे को ठहराया जिम्मेदार तृणमूल ने स्टेशन मैनेजर का किया घेराव सिलीगुड़ी :15904 अप चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को बर्निंग ट्रेन बन गयी. चलती ट्रेन के इंजन और बोगी में आग लगने के कारण कोहराम मच गया. दिन के करीब 11.20 बजे यह दुर्घटना […]
चटेरहाट स्टेशन पर बैठने तक की व्यवस्था नहीं
दुर्घटना के लिए रेलवे को ठहराया जिम्मेदार
तृणमूल ने स्टेशन मैनेजर का किया घेराव
सिलीगुड़ी :15904 अप चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन शुक्रवार को बर्निंग ट्रेन बन गयी. चलती ट्रेन के इंजन और बोगी में आग लगने के कारण कोहराम मच गया. दिन के करीब 11.20 बजे यह दुर्घटना हुयी और आतंकित रेलयात्री दिनभर परेशान रहे. इस दुर्घटना में पहले ही दो यात्रियों की मौत और कईयों के घायल होने की खबर से यात्री पहले ही काफी दुखी थे. उपर से बदइंतजामी ने यात्रियों को और भी आतंकित कर दिया था. बहरहाल,दुर्घटनाग्रस्त इंजन से अलग कर सभी कोच को चटेरहाट स्टेशन पहुंचाया गया. उसके यात्रियों ने राहत की सांस ली.
छोटा व सुनसान स्टेशन होने की वजह से बैठने तक की समुचित व्यवस्था यहां नहीं थी. घबराये सभी यात्री ट्रेन से बाहर निकल गये थे. बैठने का स्थान नहीं होने से इन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.इस स्टेशन पर स्टॉल व हॉकर भी नहीं. पानी तक की व्यवस्था नहीं थी. दुर्घटनाग्रस्त चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के सभी कोच को इंजन से अलग कर चटेरहाट स्टेशन के दो नंबर प्लेटफॉर्म पर लगाया गया.एक नंबर लाइन पर एक माल गाड़ी पहले से खड़ी थी.
स्टेशन पर लगे नल से पानी लाने के लिए यात्रियों को जान जोखिम में डालकर मालगाड़ी के नीचे से होकर गुजरना पड़ा. इतने ही देर में इलाकाई तृणमूल नेता अख्तर अली, आइनूल हक व रंजन सरकार उर्फ राणा व विकास रंजन सरकार आदि चटेरहाट स्टेशन पर पहुंचे. स्टेशन पर व्यवस्था का अभाव देखकर नेताओं ने स्टेशन मैनेजर का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. इतने में राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देव भी चटेरहाट स्टेशन पर पहुंचे. पहले उन्होंने यात्रियों का हाल-चाल लिया. मंत्री ने इस दुर्घटना के लिए रेलवे को ही जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि फ्यूल टैंक लीक होने की वजह से ही आग लगी.
रेलवे से इतनी बड़ी चूक कैसे हो सकती है. लीक फ्यूल टैंक वाली इंजन के साथ ट्रेन को रवाना कैसे किया. इसका मतलब है कि इंजन की ठीक से जांच नहीं की गयी. जबकि कटिहार स्टेशन पर इंजन बदला गया होगा. इस संबंध में वे रेलवे से बातचीत करेगें. यात्रियों ने भी मंत्री के सुर में सुर मिलाते हुए रेलवे पर अपना गुस्सा निकाला. यात्रियों ने बताया कि कटिहार स्टेशन पर इंजन बदला गया था. फिर इंजन के फ्यूल टैंक में छेद कैसे हुआ.
हांलाकि न्यू जलपाईगुड़ी के एडीआरएम पार्थ प्रतिम राय, कटिहार डिवीजन के जीएम संजीव राय व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन मीडिया को बयान नहीं दिया. बाद में एनएफ रेलवे मालीगांव के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ ट्रेन के इंजन में चटेरहाट के पास अचानक आग लग गयी. घटना स्थल से दो शव बरामद किये गए हैं. लेकिन किसी के शरीर पर जले का निशान नहीं पाया गया. अग्निकांड में एक इंजन और एक लगेज व गार्ड कोच क्षतिग्रस्त हुआ है.