दार्जिलिंग : अस्थायी कर्मियों का आंदोलन खत्म कराने की कोशिश विफल

दार्जिलिंग : विभागीय अधिकारी के प्रस्ताव को दार्जिलिंग जिला अस्पताल में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों ने ठुकरा दिया है. अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर 17 दिनों से ये कर्मचारी धरना पर हैं. स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल के अधिकारियों ने गुरुवार को मेन्युअल कन्टिजेन्सी वर्कर्स दार्जिलिंग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इसमें जीटीए के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 8, 2019 4:24 AM

दार्जिलिंग : विभागीय अधिकारी के प्रस्ताव को दार्जिलिंग जिला अस्पताल में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों ने ठुकरा दिया है. अपने स्थायीकरण की मांग को लेकर 17 दिनों से ये कर्मचारी धरना पर हैं. स्वास्थ्य विभाग और जिला अस्पताल के अधिकारियों ने गुरुवार को मेन्युअल कन्टिजेन्सी वर्कर्स दार्जिलिंग के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.

इसमें जीटीए के स्वास्थ्य विभागीय अधिकारी और जिला अस्पताल के अधिकारी ने इन कर्मचारियों के वेतन में 1500 रुपये की वृद्धि कर देने और स्थायीकरण को लेकर उच्च अधिकारियों से पत्राचार करने का वचन देते हुए चल रहा धरना उठाने का आह्वान किया. कर्मचारी संगठन की दार्जिलिंग अध्यक्ष उर्मिला तामांग ने कहा, हम लोगों इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.

2018 के अगस्त महीने में भी हमलोग धरने पर बैठे थे. तब जीटीए ने 1500 रुपये मासिक वेतन वृद्धि और चार महीने में विभाग से स्थायीकरण का आश्वासन दिया था. लेकिन ना तो मासिक वेतन बढ़ा और ना ही स्थायीकरण के लिए पहल की गयी. दार्जिलिंग जिला अस्पताल में मेन्युअल कन्टिजेन्सी वर्कर्स के रूप में हम 26 लोग हैं. हमें केवल 1500 रुपये महीना मिलता है. इस पैसे में हम लोगों को घर-परिवार चलाना मुश्किल होता है. इस बार हमलोग आर-पार के मूड में हैं.

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