बंगाल में अल्पसंख्यकों ने लगाये जय श्री राम के नारे और थाम लिया बीजेपी का झंडा

तृणमूल नेता मसूद आलम खान (गुड्डू) व उनकी पत्नी नसरीन खातून अपने समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचीं और प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष एवं भाजपा नेता राजीव बनर्जी की उपस्थिति में भाजपा का झंडा थाम लिया. इसके साथ ही सत्ता पक्ष के खिलाफ प्रचार का बिगुल भी फूंक दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2021 6:03 PM

हावड़ा (जे कुंदन) : हावड़ा जिला के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल नेताओं के पाला बदलने के बाद अब दक्षिण हावड़ा विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल नेताओं ने सत्ता पक्ष का साथ छोड़ दिया. इन लोगों ने भाजपा का दामन थाम लिया. अल्पसंख्यक समुदाय के इन नेताओं ने भाजपा का झंडा हाथ में लेने से पहले जय श्री राम के नारे भी लगाये.

तृणमूल नेता मसूद आलम खान (गुड्डू) व उनकी पत्नी नसरीन खातून अपने समर्थकों के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचीं और प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष एवं भाजपा नेता राजीव बनर्जी की उपस्थिति में भाजपा का झंडा थाम लिया. इसके साथ ही सत्ता पक्ष के खिलाफ प्रचार का बिगुल भी फूंक दिया.

नसरीन खातून हावड़ा नगर निगम के वार्ड 45 की पूर्व तृणमूल पार्षद व एमएमआइसी (स्लम) हैं, जबकि उनके पति मसूद आलम खान दक्षिण हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के सक्रिय नेता थे. बताया जा रहा है कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने इस सीट से पूर्व सांसद अंबिका बनर्जी की छोटी बेटी नंदिता चौधरी को उम्मीदवार बना दिया.

Also Read: TMC में यशवंत सिन्हा, पत्रकारों से कहा- ‘कंधार कांड में खुद की कुर्बानी देने को तैयार थीं ममता बनर्जी’

पार्टी सुप्रीमो के इस फैसले के बाद गुड्डू खान व उनके समर्थकों का गुस्सा फूट पड़ा. पांच दिन के बाद गुड्डू खान पत्नी व समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल होने का मन बनाया.

भाजपा नहीं, तृणमूल है सांप्रदायिक पार्टी – गुड्डू खान

भाजपा में शामिल होते ही गुड्डू खान ने तृणमूल कांग्रेस को आड़े हाथ लिया. कहा कि भाजपा नहीं, तृणमूल कांग्रेस सांप्रदायिक पार्टी है. तृणमूल कांग्रेस के नेता इफ्तार पार्टी में जाकर सिर्फ मुसलमानों को बेवकूफ बनाती हैं. तृणमूल कांग्रेस के नेता अपने कार्यकर्ताओं को भाजपा के खिलाफ भड़काते हैं. यह समझाया जाता है कि भाजपा मुसलमानों की दुश्मन है.

Also Read: बंगाल में जिनका खुद का जनाधार नहीं, वे चले हैं ममता बनर्जी की TMC को जिताने
अरूप राय की तानाशाही से छोड़ी पार्टी

गुड्डू खान ने कहा कि सदर तृणमूल कांग्रेस के चेयरमैन व पूर्व सहकारिता मंत्री अरूप राय की तानाशाही के कारण ही उन्होंने तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ा. उन्होंने आरोप लगाया कि श्री राय खुद को सर्वोच्च समझते हैं और किसी अन्य की तरक्की उन्हें बर्दाश्त नहीं.

टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहती हैं कि बांग्ला निजेर मेयेकेई चाय और उन्होंने इस सीट से एक बाहरी को उम्मीदवार बना दिया. क्या दक्षिण हावड़ा विधानसभा क्षेत्र के तृणमूल नेता उम्मीदवार नहीं बन सकते हैं? ऐसा नहीं हुआ और पार्टी ने बालीगंज इलाके की रहने वाली महिला को यहां का प्रत्याशी बना दिया.

Also Read: Bengal Election 2021 : उत्तर बंगाल के नागराकाटा विधानसभा क्षेत्र से TMC उम्मीदवार की गलेगी दाल या विपक्ष मारेगा बाजी
35 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता होंगे निर्णायक

दक्षिण हावड़ा विधानसभा इलाके में 35 फीसदी अल्पसंख्यक मतदाता हैं. वर्ष 2011 व 2016 के चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने यहां से जोड़ा फूल को जीत मिली थी. जानकारों की मानें, तो अल्पसंख्यक मतदाताओं की भूमिका अहम रहती है, पर इस बार चुनावी समीकरण अलग है.

चुनाव के ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता गुड्डू खान सत्तारूढ़ पार्टी का साथ छोड़ चुके हैं. इस सीट से संयुक्त मोर्चा ने सौमित्र अधिकारी को प्रत्याशी बनाया है. इस चुनाव में अल्पसंख्यक मतदाता किसके साथ जायेंगे, यह देखना रोमांचक होगा.

Also Read: ममता बनर्जी का ‘चोट’ से है पुराना नाता, कई बार हमले झेल चुकीं हैं बंगाल की ‘अग्निकन्या’
तृणमूल पर नहीं होगा कोई असर- मालती

तृणमूल नेता मालती राय ने कहा है कि किसी के जाने से तृणमूल पर असर नहीं पड़ेगा. गुड्डू खान वहम में न रहें. यहां के अल्पसंख्यक मतदाता इस बार भी तृणमूल प्रत्याशी को ही वोट देकर जितायेंगे और तीसरी बार यहां जोड़ा फूल खिलेगा. तृणमूल सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किये हैं. तृणमूल अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version