सियालदह मंडल में फर्जी टीटीई पर अंकुश लगा रहा ‘यूनिक बैज’
पूर्व रेलवे के सियालदह मंडल ने टिकट जांच कर्मचारियों के लिए ‘यूनिक आइडेंटिफिकेशन बैज’ लागू करने के बाद फर्जी ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) के मामलों पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है.
सियालदह मंडल में टिकट जांच व्यवस्था में पारदर्शिता लाने की पहल
संवाददाता, कोलकाता.
पूर्व रेलवे के सियालदह मंडल ने टिकट जांच कर्मचारियों के लिए ‘यूनिक आइडेंटिफिकेशन बैज’ लागू करने के बाद फर्जी ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (टीटीई) के मामलों पर अंकुश लगाने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है. यह अभिनव कदम वास्तविक रेल अधिकारियों और जालसाजों के बीच स्पष्ट पहचान सुनिश्चित करने में अत्यंत प्रभावी सिद्ध हुआ है. पिछले कुछ दिनों में धोखाधड़ी से जुड़ी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी देखी गयी है.
मंडल के सीनियर डिविजनल कमर्शियल मैनेजर जसराम मीणा द्वारा डीआरएम राजीव सक्सेना के मार्गदर्शन में पूरे मंडल में इस व्यवस्था को लागू किया गया है. इस नियम के तहत मंडल में सभी ड्यूटी रत टीटीई के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया पहचान बैज पहनना अनिवार्य किया गया है. विशेष तौर पर बनाये गये यह यूनिक बैज, वास्तविक टीटीई को पहचाने में काफी मददगार है. इस बैज को देख यात्री भी टीटीई की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. यह यात्रियों एवं अन्य रेलवे कर्मचारियों को अधिकृत कर्मियों की पहचान करने में सक्षम बनाता है.
मंडल के अधिकारियों का कहना है कि इस यूनिक बैज के जारी होने के बाद से फर्जी टीटीई बनकर यात्रियों से पैसे वसूलने की कोशिश करने वाले असामाजिक तत्वों पर रोक लगी है.
हाल ही की कई घटनाओं में यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों ने बैज न होने पर संदेह जताया, जिसके कारण कई फर्जी टीटीई को पकड़ने में सफलता मिली. मंडल के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि सियालदह मंडल यात्रियों की सुरक्षा और सेवा में निरंतर सुधार के प्रति प्रतिबद्ध है. यूनिक बैज पहल पारदर्शिता बढ़ाने, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के प्रति मंडल की प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है.
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