हर एसआइआर सुनवाई केंद्र के पास सहायता शिविर लगायेगी तृणमूल

राज्यभर में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर सुनवाई को लेकर उठे विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि अब से हर एसआइआर सुनवाई केंद्र के पास तृणमूल के सहायता शिविर लगाये जायेंगे, ताकि आम लोगों को परेशानियों से राहत मिल सके.

By BIJAY KUMAR | December 28, 2025 10:47 PM

कोलकाता.

राज्यभर में चल रही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर सुनवाई को लेकर उठे विवाद के बीच तृणमूल कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाने की घोषणा की है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि अब से हर एसआइआर सुनवाई केंद्र के पास तृणमूल के सहायता शिविर लगाये जायेंगे, ताकि आम लोगों को परेशानियों से राहत मिल सके. रविवार को 1.20 लाख बीएलए-दो के साथ वर्चुअल बैठक में अभिषेक बनर्जी ने इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि इन शिविरों के माध्यम से बुजुर्ग, असहाय और जरूरतमंद लोगों की मदद तृणमूल के नेता व कार्यकर्ता करेंगे. गौरतलब है कि एसआइआर प्रक्रिया के दूसरे चरण के तहत सुनवाई के पहले ही दिन कई जगहों पर बुजुर्ग और अस्वस्थ लोगों को लाइन में खड़े देखे जाने से विवाद शुरू हो गया. तृणमूल का आरोप है कि इस तरह से लगातार आम लोगों को परेशान किया जा रहा है. इस वजह से पार्टी ने सहायता शिविर लगाने का फैसला लिया है. अभिषेक बनर्जी ने यह भी बताया कि सोमवार को तृणमूल का प्रतिनिधि दल निर्वाचन आयोग के कार्यालय जाकर इस मुद्दे पर आपत्ति दर्ज करायेगा.

सूत्रों के अनुसार, इस दिन हुई बैठक में उन्होंने बीएलए-दो की भूमिका की सराहना करते हुए कहा : आपका नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा, लेकिन उन्हें आम लोगों के साथ पूरे तत्परता के साथ खड़े होने की जरूर है. काम अभी खत्म नहीं हुआ है. आगामी छह सप्ताह तक और सतर्कता बरतनी होगी. श्री बनर्जी ने यह भी मांग की कि भाजपा द्वारा बार-बार उठाये जा रहे आरोपों के बावजूद अब तक कितने बांग्लादेशी और रोहिंग्या मतदाताओं के नाम मसौदा सूची से हटाये गये हैं, इसकी जानकारी चुनाव आयोग द्वारा सार्वजनिक की जाये.

बीएलओ की अस्वाभाविक मौत पर अभिषेक का आयोग व भाजपा पर निशाना : बांकुड़ा के रानीबांध ब्लॉक में एक बीएलओ हराधन मंडल की अस्वाभाविक मौत को लेकर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी एसआइआर प्रक्रिया को लेकर एक बार फिर चुनाव आयोग और भाजपा पर गंभीर आरोप लगाये हैं. रविवार को सोशल मीडिया के मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट करके बनर्जी ने आरोप लगाया कि एक और बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) ने कथित तौर पर अत्यधिक दबाव के कारण आत्महत्या कर ली है. एसआइआर की जल्दबाजी, अव्यवस्था और कथित राजनीतिक उद्देश्य ने कर्मचारियों और आम लोगों को भारी मानसिक तनाव में डाल दिया है.बनर्जी ने आगे यह भी आरोप लगाया कि “एसआइआर प्रक्रिया के दौरान अब तक घबराहट और भय के कारण 50 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. यह पूरी प्रक्रिया भाजपा के चुनावी फायदे के लिए एक ‘वोटर-क्लीनिंग ऑपरेशन’ के रूप में चलायी जा रही है. जो प्रक्रिया सुव्यवस्थित और चरणबद्ध होनी चाहिए थी, उसे जल्दबाजी में लागू किया गया, जिसमें चुनाव आयोग की भूमिका पक्षपातपूर्ण रही. आयोग एक विशेष पार्टी और एक व्यक्ति के दबाव में काम कर रहा है और संवैधानिक जिम्मेदारियों से समझौता कर रहा है.” भाजपा पर निशाना साधते हुए तृणमूल नेता ने कहा कि अगर लोग भय और दबाव से जान गंवा रहे हैं, तो केंद्र सरकार के लिए यह सिर्फ ‘कोलेटरल डैमेज’ यानी किसी मुख्य लक्ष्य पर कार्रवाई करते समय अनजाने में या आकस्मिक रूप से होने वाली क्षति बनकर रह गया है. बनर्जी ने चेतावनी देते हुए कहा कि इतिहास सब देख रहा है और बंगाल न तो माफ करेगा और न ही भूलेगा. वहीं, विपक्षी दल भाजपा और चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए प्रक्रिया को नियमों के तहत बताया है.

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