पुरुलिया : मिट्टी का घर गिरने से तीन लोगों की मौत, तीन अन्य जख्मी

पुरुलिया जिले के टामना थाना क्षेत्र के भंडारपुआरा चिपीदा इलाके के खेड़बन गांव से कुछ दूर कच्चा यानी मिट्टी का घर ढह जाने से मंगलवार सुबह मलबे में दब कर तीन लोगों की मौत हो गयी, जबकि तीन अन्य जख्मी हो गये.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 16, 2025 12:44 AM

टामना थाना क्षेत्र के खेड़बन गांव की घटना

तीन घायलों का पुरुलिया सरकारी अस्पताल में चल रहा इलाज

प्रतिनिधि, पुरुलिया

पुरुलिया जिले के टामना थाना क्षेत्र के भंडारपुआरा चिपीदा इलाके के खेड़बन गांव से कुछ दूर कच्चा यानी मिट्टी का घर ढह जाने से मंगलवार सुबह मलबे में दब कर तीन लोगों की मौत हो गयी, जबकि तीन अन्य जख्मी हो गये. पुलिस ने मृतकों के नाम निवेदिता सबर(40), रिमझिम सबर(25) व अमित सबर तांती (30) बताये हैं. जबकि घायलों के नाम मानिक सबर, दोलुई सबर व जवा सबर (सात वर्षीय) है. मिली जानकारी के अनुसार, सबर परिवार के छह लोग गांव से कुछ दूर जंगल में कच्चे घर में रह रहे थे. लगातार बारिश के कारण नींव की मिट्टी नरम पड़ गयी थी, जिससे कच्चा घर ढह गया. मलबे के नीचे परिवार के लोग दब गये. इसका पता चलते ही आसपास के लोग बचाव कार्य में जुटे. पुलिस को भी सूचना दी गयी. फिर पुलिस वहां पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटा कर बुरी तरह घायल छह लोगों को निकाला और नजदीकी चाकोलतोर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गयी. वहां डॉक्टरों ने तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया. जबकि तीन अन्य घायलों को पुरुलिया सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया.

इधर, घटना की खबर मिलते ही पुरुलिया जिला सभापति निवेदिता महतो, पुरुलिया सदर एसडीओ उत्पल घोष, बीडीओ मनोज कुमार माहिती मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. बाद में अधिकारियों ने कहा कि निरंतर बारिश होने के कारण यह दर्दनाक हादसा हुआ है. इन लोगों का घर गांव से कुछ दूर जंगल के बीच होने से स्थानीय लोगों को घटना की जानकारी देर से मिली. अगर पहले सूचना मिलती, तो कुछ लोगों को बचाया जा सकता था. पर इस घटना के बाद जिले में सभी जगहों पर स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. कहीं भी कच्चे या जर्जर घर देखने पर वहां से लोगों को हटा कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने को कहा गया है. इसके अलावा प्रशासन की ओर से शोकाकुल परिवार व घायलों को हर तरह की सरकारी सहायता देने का भरोसा दिया गया है. इस बीच, सबर परिवार के साथ हुए हादसे की सूचना पाते ही उसकी रिश्तेदार सुमित्रा सबर मौके पर पहुंचीं और सवाल उठाया कि जब सरकार से इन लोगों को घर मिला हुआ है, तो ये लोग जंगल में में मिट्टी का घर बना कर क्यों रह रहे थे. यह समझ नहीं आ रहा.

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