वोट से नहीं, नोट के दम पर चुनाव जीतना चाहती है भाजपा : ममता

मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी मंगलवार को हाथ में संविधान लेकर सड़क पर उतरीं और चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआइआर) के खिलाफ जोरदार रैली निकाली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे 'साइलेंट इनविजिबल रिगिंग' यानी शांत अदृश्य धांधली करार देते हुए केंद्र की भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया.

By BIJAY KUMAR | November 4, 2025 10:51 PM

कोलकाता.

मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी मंगलवार को हाथ में संविधान लेकर सड़क पर उतरीं और चुनाव आयोग के विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआइआर) के खिलाफ जोरदार रैली निकाली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ””साइलेंट इनविजिबल रिगिंग”” यानी शांत अदृश्य धांधली करार देते हुए केंद्र की भाजपा सरकार और चुनाव आयोग पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया. यह विरोध मार्च सुबह डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रेड रोड से शुरू हुआ और रविंद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर जोड़ासांको ठाकुरबाड़ी पर जाकर समाप्त हुआ. रैली के दौरान हजारों की संख्या में तृणमूल कार्यकर्ता तिरंगे और पार्टी के झंडे थामे ””लोकतंत्र बचाओ”” और ””बंगाल का वोट बंगाल का हक”” जैसे नारे लगाते हुए शामिल हुए. ममता बनर्जी पारंपरिक सफेद सूती साड़ी और चप्पल में दिखीं. उन्होंने बीच-बीच में सड़क किनारे खड़े लोगों का अभिवादन किया, जबकि उनके साथ भतीजे और तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी तथा वरिष्ठ मंत्री और नेता भी मौजूद रहे.

इस मौके पर भाजपा पर निशाना साधते हुए तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा वोटों के आधार पर नहीं, बल्कि नोटों के बल पर जीतना चाहती है. अगर यह मतदाता सूची फर्जी है, तो भाजपा ने इसी सूची के आधार पर पिछले चुनाव कैसे जीते?’’मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आप पिछले 24 सालों से किस वोटर लिस्ट से जीतते आये हैं? उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये लिस्ट झूठी है, तो आपकी सरकार भी झूठी है, आपका पद भी झूठ है. हर साल उन्हें कुछ न कुछ करना ही पड़ता है. एक बार वो आये और नोटबंदी की. मैंने ही सबसे पहले इसका विरोध किया था.

चुनाव आयोग की ओर से जन्म प्रमाण मांगे जाने पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमारे जमाने में तो घर पर डिलीवरी होती थी. सात बार सांसद, चार बार केंद्रीय मंत्री, तीन बार मुख्यमंत्री होने के बाद भी क्या मुझे अपने जन्म प्रमाण पत्र के बारे में स्पष्टीकरण देना होगा? हमारी विनम्रता हमारी कमजोरी नहीं है. हम क्यों विरोध कर रहे हैं? इतने दिनों से जनगणना क्यों नहीं हुई? सीएम ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मतदाता सूची से नाम हटाने या मताधिकार छीनने की कोशिश हुई, तो हम संविधान की शपथ लेकर सड़कों पर लड़ेंगे.

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