समग्र शिक्षा मिशन में केंद्र कर रहा राज्य की अनदेखी : ब्रात्य बसु
समग्र शिक्षा मिशन में केंद्र कर रहा राज्य की अनदेखी
कोलकाता. राज्य सरकार को चालू वित्त वर्ष में समग्र शिक्षा मिशन के लिए केंद्र से 2000 करोड़ रुपये मिलने थे, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी. शिक्षा मंत्री, राज्य के मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव पहले ही केंद्र को कई बारे में पत्र लिखकर इस धनराशि की मांग कर चुके हैं. इस बात को लेकर शुक्रवार को राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने फिर आरोप लगाया है. उनका कहना है कि राज्य सरकार को चालू वित्त वर्ष में भी ””समग्र शिक्षा मिशन”” के लिए केंद्रीय आवंटन नहीं मिला है. राज्य शिक्षा विभाग के अधिकारी भी बकाया राशि की मांग के लिए दिल्ली गये थे, लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा था. उन्होंने केंद्र के रवैये को ”अलोकतांत्रिक” और ”निरंकुश” बताया. शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार, चालू वित्तीय वर्ष में संपूर्ण शिक्षा मिशन के लिए राज्य सरकार को केंद्र से 2000 करोड़ रुपये मिलने थे, केंद्र सरकार ने इसे मंजूरी नहीं दी है. राज्य शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों के अनुसार किसी भी शैक्षणिक परियोजना के लिए केंद्र और राज्य मिलकर धनराशि उपलब्ध कराते हैं. उस स्थिति में अनुपात 60:40 होता है, फिर किसी परियोजना में प्रधानमंत्री का नाम क्यों जोड़ा जायेगा, इस उन्होंने आपत्ति की. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ भेदभाव कर रही है. यह अलोकतांत्रिक एवं मनमाना रवैया है. उनका दावा है कि भाजपा की सरकार ऐसा इसलिए कर रही है, क्योंकि वह बंगाल में चुनाव जीतने में असमर्थ है. जबकि केंद्र को राज्य के बच्चों को इससे वंचित करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने मांग की कि धनराशि का भुगतान तुरंत किया जाये.
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