अभिषेक का केंद्र पर हमला, दिल्ली में प्रदर्शन की चेतावनी

अभिषेक का केंद्र पर हमला, दिल्ली में प्रदर्शन की चेतावनी

By BIJAY KUMAR | November 4, 2025 10:53 PM

कोलकाता.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआइआर) को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया और कहा कि अगर केंद्र ने जिम्मेदार रुख नहीं अपनाया, तो पार्टी यह लड़ाई दिल्ली तक जायेगी. उन्होंने कहा कि एसआइआर के डर और भ्रम ने पहले ही कई लोगों की जान ले ली है और इसे रोकना हर राजनीतिक दल और नागरिक का दायित्व है. इस दिन एसआइआर के खिलाफ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में रेड रोड स्थित डॉ बीआर आंबेडकर की मूर्ति के पास से तृणमूल की मेगा रैली निकाली गयी, जो अलग-अलग मार्गों से गुजरते हुए जोड़ासांको स्थित ठाकुरबाड़ी के पास समाप्त हुई. रैली में सांसद बनर्जी भी शामिल हुए और रैली की समाप्ति स्थल पर पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. सभा के मंच से श्री बनर्जी ने दावा किया कि “पिछले सात दिनों में बंगाल में एसआइआर के डर से सात लोगों की मौत हो चुकी है. ये सभी वैध मतदाता थे. उनके परिवार आज हमारे बीच मौजूद हैं.” मृतकों के परिवारवालों की मौजूदगी का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह की नीति समाज में भय पैदा कर रही है और इसे लोकतंत्र के खिलाफ बताया जा सकता है. तृणमूल सिर्फ स्थानीय विरोध तक सीमित नहीं रहेगी. अगर केंद्र सरकार ने जिम्मेदारी नहीं दिखायी, तो हम (तृणमूल) दिल्ली जाकर भी प्रदर्शन करेंगे. हम ‘दिल्ली के जमींदारों’ के आगे नहीं झुकेंगे”

उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे तैयार रहें और आवश्यक होने पर नयी दिल्ली की सड़कों पर उतरकर विरोध जताने के लिए भी तैयार रहें. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सांसद बनर्जी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार नोटबंदी से लेकर नागरिकता संबंधी नीतियों तक गरीब और मध्यमवर्ग पर मनमाना फेहरिस्त थोपने की प्रवृत्ति दिखा चुकी है.” उन्होंने आरोप लगाया कि “केंद्र सरकार एसआइआर का इस्तेमाल वैध मतदाताओं को डराने और मताधिकार से वंचित करने के लिए कर रही है. जो लोगों को ‘बंगालियों’ या ‘बाहरी’ कहकर डराते हैं, वे लोकतंत्र के आइने में दाग हैं. किसी को भी किसी समुदाय को निशाना बनाने की अनुमति नहीं देंगे.” डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि अगर तृणमूल घोषणा के मात्र दो दिनों में इतनी बड़ी सभा कर सकती है, तो दिल्ली में उनकी भीड़ और व्यापक होगी. उन्होंने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि दिग्गज नेता माने लालकृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था, क्या उनके जन्मस्थान के आधार पर वोट देने से रोका जायेगा? मतुआ और राजवंशी समुदाय से जुड़े लोगों को लेकर कहा कि किसी को भी ‘बंगाली’ या ‘बांग्लादेशी’ कहकर बाहर नहीं किया जायेगा.

सभा में बनर्जी ने दावा किया कि “कुछ स्थानों पर मतदाता सूची से नाम हटाने का प्रयास हो रहा है और ऐसे प्रयासों से लोगों में भय का माहौल बनाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही स्पष्ट किया है कि एनआरसी या एसआइआर के नाम पर किसी भी तरह की अपमानजनक व जनविरोधी नीति को वह नहीं मानेंगी. हमारी लड़ाई भाजपा को साफ करने की है. तृणमूल के कार्यकर्ता सड़क पर हैं और जरूरत पड़े तो वे हर कदम पर लोगों के साथ खड़े रहेंगे. तृणमूल किसी भी स्थिति में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी.” पार्टी सूत्रों के अनुसार तृणमूल जल्द ही दिल्ली में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की कार्यसूची पर अंतिम निर्णय ले सकती है.

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