कोलकाता की सभी बस्तियों को ठेका टेनेंसी में किया जायेगा शामिल : फिरहाद हकीम

इस कारण कोलकाता नगर निगम ने महानगर की सभी बस्तियों को ठेका टेनेंसी के अधीन लाने का निर्णय लिया है.

By GANESH MAHTO | March 29, 2025 12:31 AM

अब बस्ती इलाके में प्रमोटिंग पर लगेगी रोक

बांग्लार बाड़ी योजना के तहत सरकार बनायेगी मकान

कोलकाता. महानगर की एक बड़ी आबादी बस्तियों में रहती है. इन दिनों स्थानीय कुछ प्रमोटर धड़ल्ले से कोलकाता की बस्तियों में प्रमोटिंग कर रहे हैं. कई जगह पर बस्तियों में रहने वाले किरायेदारों को डरा-धमका कर उन्हें खदेड़ दिया जाता है. इस कारण कोलकाता नगर निगम ने महानगर की सभी बस्तियों को ठेका टेनेंसी के अधीन लाने का निर्णय लिया है. अवैध निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा दी जायेगी. यह जानकारी कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि कोलकाता में कई जगहों से हमें शिकायत मिली है कि प्रमोटर लोगों को पैसे देकर या डरा-धमका कर घर छोड़ने के लिए मजबूर करते देते हैं. ऐसे में कोलकाता में रहने वाले गरीब लोगों को कोलकाता छोड़ कर जाना ना पडे, इसलिए महानगर की तमाम बस्तियों को ठेका टेनेंसी के अधिन लाया जायेगा. बस्ती इलाकों में अब राज्य सरकार की बांग्लार बाड़ी योजना के तहत घर बना कर लोगों को दिया जायेगा. इस संबंध में ठेका टेनेंसी एक्ट के तहत महानगर की बस्तियों को ठेका टेनेंसी में शामिल किया जायेगा. इस संबंध में निगम के एक अधिकारी ने बताया कि 2019 में हुए सर्वे के अनुसार, कोलकाता में करीब 3300 बस्तियां हैं. इनमें कुछ सरकारी, निजी और कॉलोनी क्षेत्र है. ऐसी बस्तियों की पहचान करने के लिए लैंड सर्वे कराया जायेगा. इसके बाद पहले सरकारी बस्तियों को ठेका टेनेंसी में शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा अन्य निजी बस्तियों को शामिल करने के लिए टेका टेनेंसी एक्ट की मदद ले जायेगी. इसके लिए आवश्यकता के अनुसार राज्य सरकार के टेका टेनेंसी एक्ट में संशोधन किया जा सकता है. अधिकारी ने बताया कि सरकार की ओर से अब तक योजना बनायी गयी है. जल्द ही इसे क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस दौरान यह देखा जायेगा की अगर कोई बस्ती निजी है पर उसका मालिक नहीं है ? अगर मालिक नहीं होगा तो उसे ठेका टेनेंसी में आसानी से शामिल कर लिया जा सकता है. वहीं जिन बस्तियों के मालिक होंगे उन्हें ठेका जमीन में शामिल किये जाने से पहले मालिक को क्षतिपूर्ति भी देना पड़ सकता है. ऐसे में सरकार इन सभी विषयों पर चर्चा के बाद ही आगे निर्णय लेगी.

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