स्कूलों को तकनीकी प्रयोगशालाओं को अपग्रेड करने का निर्देश

काउंसिल के द्वारा स्कूल प्रिंसिपलों को भेजे गये परिपत्र में काउंसिल ने कहा कि ये प्रणालियां अगले तीन महीनों के भीतर लागू हो जायेंगी.

By Prabhat Khabar News Desk | February 24, 2025 1:17 AM

कोलकाता. द काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशंस (सीआइएससीइ) ने स्कूलों से इंटरनेट सुविधाओं के साथ पूरी तरह कार्यात्मक कंप्यूटर लैब बनाने को कहा है, जिससे छात्र ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म तक पहुंच सकें और काउंसिल की ऑनलाइन गतिविधियों में भाग ले सकें. काउंसिल के द्वारा स्कूल प्रिंसिपलों को भेजे गये परिपत्र में काउंसिल ने कहा कि ये प्रणालियां अगले तीन महीनों के भीतर लागू हो जायेंगी. इस पत्र में कहा गया है कि प्रत्येक संबद्ध स्कूल में उचित डिजिटल बुनियादी ढांचा सुनिश्चित करने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक स्कूल को तकनीकी प्रयोगशाला को अपग्रेड रखना होगा. इसमें कम से कम 45 पूरी तरह कार्यात्मक कंप्यूटर बनाये रखने होंगे, जो सभी डिजिटल संसाधनों और ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्म तक निर्बाध पहुंच की सुविधा के लिए समर्पित इंटरनेट से जुड़े होंगे. यह न केवल दिन-प्रतिदिन डिजिटल शिक्षा को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक है, बल्कि सीआइएससीइ द्वारा नियोजित विभिन्न आइटी हस्तक्षेप में सुचारू निष्पादन और भागीदारी के लिए भी आवश्यक है. इन हस्तक्षेपों में कक्षा तीसरी, चौथी, पांचवीं और आठवीं में प्रमुख चरण मूल्यांकन (स्टूडेंट होलिस्टिक इनसाइट एंड नर्चरिंग ईवैल्युएशन) और छात्र संवर्धन गतिविधियां शामिल हैं, जो छात्र प्रगति की निगरानी के लिए महत्वपूर्ण हैं. इन कक्षाओं में मूल्यांकन करने की काउंसिल की योजना है, जिससे छात्रों की ऑनलाइन भी निगरानी की जायेगी. काउंसिल के मुख्य कार्यकारी और सचिव जोसेफ इमैनुएल ने एक कार्यक्रम में प्रिंसिपलों को कहा था कि इन मूल्यांकनों से शिक्षार्थी की सीखने की योग्यता और कौशल के बारे में जानकारी मिलेगी. प्रत्येक 20 छात्रों के लिए एक सिस्टम के साथ कम से कम 45 डेस्कटॉप या लैपटॉप उपलब्ध होने चाहिए. काउंसिल ने कहा है कि हम सभी सीआइएससीइ-संबद्ध स्कूलों से अनुरोध करते हैं कि वे अपने मौजूदा बुनियादी ढांचे की समीक्षा करें और अगले तीन महीनों के भीतर इस आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठायें. यह न केवल दिन-प्रतिदिन डिजिटल शिक्षा को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक है, बल्कि सीआइएससीइ द्वारा नियोजित विभिन्न आइटी हस्तक्षेपों में सुचारू निष्पादन और भागीदारी के लिए भी आवश्यक है. इन हस्तक्षेपों में कक्षा तीसरी, चौथी, पांचवीं और आठवीं में प्रमुख चरण मूल्यांकन में छात्रों की योग्यता का आकलन किया जायेगा. पर्याप्त तकनीकी अवसंरचना यह सुनिश्चित करती है कि छात्र काउंसिल की पहल में शामिल हो सकें, जिससे डिजिटल संसाधनों तक समान पहुंच को बढ़ावा मिले और समय पर मूल्यांकन संभव हो सके. इस विषय में एक प्रिंसिपल ने जानकारी दी कि कई स्कूलों में कंप्यूटर सुविधाएं हैं, लेकिन इस निर्देश से सभी संस्थानों में एकरूपता सुनिश्चित होगी. हर बच्चे के लिए एक कंप्यूटर है, लेकिन ऐसे स्कूल भी हो सकते हैं, जिनके पास उचित डिजिटल बुनियादी ढांचा नहीं है, लेकिन अब काउंसिल के निर्देश से यह सुनिश्चित हो जायेगा कि बच्चों को कंप्यूटर तक पहुंच मिले. स्कूलों में एआइ और रोबोटिक्स जैसे भविष्य के विषयों की पेशकश करने के फैसले में भी बुनियादी ढांचा अनिवार्य सुविधा है, इसलिए इसको अपडेट करने के लिए कहा गया है.

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