डेंगू नियंत्रण में पूजा कमेटियों का नहीं मिल रहा सहयोग : डिप्टी मेयर
पितृपक्ष की समाप्ति के साथ देवी पक्ष की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसी बीच डेंगू का खतरा कोलकाता नगर निगम के लिए सिरदर्द बन गया है.
कहा : पूजा मंडपों में बांस की गांठों और अन्य खुली जगहों को ढकने की हिदायत दी गयी थी, ताकि बारिश का पानी जमा होकर डेंगू मच्छरों के लार्वा को बढ़ावा न दे
कोलकाता. पितृपक्ष की समाप्ति के साथ देवी पक्ष की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसी बीच डेंगू का खतरा कोलकाता नगर निगम के लिए सिरदर्द बन गया है. डिप्टी मेयर अतिन घोष का आरोप है कि पूजा कमेटियां निगम द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन नहीं कर रही हैं और डेंगू की रोकथाम में सहयोग देने से कतरा रही हैं.अतिन घोष ने कहा कि पूजा मंडपों में बांस की गांठों और अन्य खुली जगहों को ढकने की हिदायत दी गयी थी, ताकि बारिश का पानी जमा होकर डेंगू मच्छरों के लार्वा को बढ़ावा न दे. लेकिन ज्यादातर समितियां न्यूनतम उपाय भी नहीं कर रही हैं. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर लापरवाही जारी रही, तो अगले साल से पूजा कमेटियों पर जुर्माना लगाने का कानून लाया जा सकता है.फोरम फॉर दुर्गोत्सव समिति के महासचिव शाश्वत बसु ने कहा कि समितियां निगम के निर्देशों का पालन करने की कोशिश कर रही हैं, हालांकि पूरी तरह सफल नहीं हो पायी हैं.डेंगू के आंकड़े चिंताजनक
निगम के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पिछले साल सात सितंबर तक डेंगू के 370 मामले दर्ज हुए थे, जबकि इस साल यह संख्या बढ़कर 509 हो गयी. 21 सितंबर तक करीब 1,000 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं. आशंका है कि दुर्गा पूजा के बाद यह आंकड़ा और तेजी से बढ़ सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
