पीजी परीक्षाएं दूर के केंद्रों पर ही आयोजित होंगी
कॉलेज प्रिंसिपलों के एक वर्ग की आपत्तियों के बावजूद कलकत्ता विश्वविद्यालय अपने निर्णय पर अडिग
कोलकाता. कलकत्ता विश्वविद्यालय ने अपने संबद्ध कॉलेजों में स्नातकोत्तर परीक्षाएं दूर के केंद्रों पर कराने के अपने निर्णय पर कायम रहने का फैसला किया है. कॉलेज प्रिंसिपलों के एक वर्ग की आपत्तियों के बावजूद विश्वविद्यालय का यह निर्णय अडिग है. इस विषय में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने बताया कि विश्वविद्यालय की सिंडिकेट बैठक में स्वीकृत निर्णय का उद्देश्य परीक्षाओं के संचालन में पारदर्शिता सुनिश्चित करना था. उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय परीक्षाओं में निष्पक्षता बनाये रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता से समझौता नहीं करेगा.
निगरानी ड्यूटी के परिवहन शुल्क पर प्रिंसिपलों का सवाल
उन्होंने यह भी कहा कि परीक्षाओं के संचालन में ईमानदारी बनाये रखने का निर्णय लिया गया है, जिसे नौ अप्रैल से शुरू होने वाली परीक्षाओं से लागू किया जायेगा. ऑल बंगाल प्रिंसिपल काउंसिल की कलकत्ता विश्वविद्यालय समिति ने एक बयान में कहा कि सीयू सिंडिकेट ने उनसे परामर्श किए बिना ऐसा निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि वे विश्वविद्यालय के इस निर्णय से आहत हैं और इसे स्वीकार नहीं करते.
आशुतोष कॉलेज के प्रिंसिपल और काउंसिल के सीयू चैप्टर के सचिव मानस काबी ने कहा कि सीयू ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि विश्वविद्यालय परिसर में कॉमन सेंटर में निगरानी ड्यूटी के लिए तैनात किये गये शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के परिवहन शुल्क का भुगतान कौन करेगा. सभी बिंदुओं पर स्पष्टीकरण के लिए वह वीसी से मिलेंगे.छात्रों के साथ भेदभाव से बचने के लिए एक ही केंद्र पर परीक्षाएं
इसके अलावा, विश्वविद्यालय के छात्रों को भी दूर के केंद्रों पर परीक्षाएं देने की सुविधा दी जायेगी, ताकि कॉलेजों के स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में शामिल छात्रों के साथ कोई भेदभाव न हो. सिंडिकेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कॉलेजों में स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में शामिल छात्र और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अपनी सेमेस्टर परीक्षाएं विश्वविद्यालय परिसर में एक ही स्थान पर देंगे. अब तक कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र अपने कॉलेजों (होम सेंटर) में परीक्षा देते थे, जबकि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र अपने विभागों में परीक्षा देते थे.
नकल के मामलों में बढ़ी चिंता निर्णय में बदलाव
पिछले साल, सीयू के अधिकृत कुलपति को लिखे पत्र में टीचर्स एसोसिएशन ने कॉलेजों में होने वाली परीक्षाओं में “बड़े पैमाने पर नकल ” पर चिंता जतायी थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय को परीक्षा केंद्रों को बदलकर दूसरे केंद्रों पर परीक्षा करानी पड़ी थी. एसोसिएशन ने आरोप लगाया था कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान सामूहिक नकल के मामले सामने आये थे और दोनों उत्तर पुस्तिकाओं की विषय-वस्तु समान होने के कारण उन्हें अलग करना मुश्किल था.
प्रिंसिपलों की आपत्ति, परामर्श नहीं करने का लगाया आरोप
28 मार्च को, ऑल बंगाल प्रिंसिपल काउंसिल के कलकत्ता विश्वविद्यालय चैप्टर ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वे विश्वविद्यालय के इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि उनसे इस संबंध में सलाह नहीं ली गयी थी. रजिस्ट्रार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “प्रधानाचार्यों से परामर्श करने की कोई बात नहीं है. हमने स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम चलाने के लिए कॉलेजों को संबद्धता दी है और अगर कार्यक्रमों के मानकों को बनाये रखना है, तो उन्हें विश्वविद्यालय द्वारा लिए गए निर्णय को सुनना होगा.
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