एक जवान जख्मी, दो तस्कर दबोचे गये

उत्तर 24 परगना स्थित तराली सीमा चौकी क्षेत्र में गुरुवार की देर रात भारत से बांग्लादेश में गांजा व फेंसिडील की तस्करी रोकने के दौरान तस्करों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया.

By AKHILESH KUMAR SINGH | July 12, 2025 1:40 AM

गांजा व फेंसिडील की तस्करी रोकने के दौरान तस्करों ने बीएसएफ टीम पर किया जानलेवा हमला

संवाददाता, कोलकाताउत्तर 24 परगना स्थित तराली सीमा चौकी क्षेत्र में गुरुवार की देर रात भारत से बांग्लादेश में गांजा व फेंसिडील की तस्करी रोकने के दौरान तस्करों ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया. हमले में बीएसएफ का एक जवान बुरी तरह से घायल हो गया. हालांकि, बीएसएफ की 143वीं बटालियन के जवानों ने हमले का साहसपूर्वक मुकाबला किया और तस्कर वापस भागने को मजबूर हो गये. बीएसएफ ने उनमें से दो तस्करों को दबोचने में सफलता भी पायी है. घटनास्थल से करीब 10 किलोग्राम गांजा, फेंसिडील की 100 बोतलें और एक धारदार हथियार बरामद किया गया है.

भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा है 4,096.7 किलोमीटर लंबी

भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा करीब 4,096.7 किलोमीटर लंबी है. इसमें पश्चिम बंगाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा का दायरा करीब 2,216.7 किलोमीटर है. सीमा पर तस्करों के गिरोह तस्करी के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. हालांकि, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान भी तस्करों के मंसूबों को विफल करने के लिए अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

बीएसएफ जवानों पर हमले की घटनाओं को लेकर बीजीबी का रवैया उदासीन

बीएसएफ, दक्षिण बंगाल सीमांत के प्रवक्ता एनके पांडेय का कहना है कि बल के जवानों के कर्तव्य पथ पर इस प्रकार के हमले जैसी घटनाएं असामान्य नहीं हैं. बीएसएफ के जवान असाधारण साहस, प्रतिबद्धता और सतर्कता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. बांग्लादेशी अपराधियों व तस्करों द्वारा घुसपैठ और लगातार हमलों को लेकर बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के साथ बार-बार फ्लैग मीटिंग कर उन्हें सचेत किया गया है, फिर भी उनकी ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. बीजीबी की इस निष्क्रियता से तस्करों के हौसले बढ़ रहे हैं. हालांकि, बीएसएफ जवान सीमाओं की रक्षा करने और हर परिस्थिति में राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पूरी तरह सक्षम हैं. कई बार बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारे गये बांग्लादेशी तस्करों को पहचानने से भी बीजीबी इंकार कर देती है.

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