वोट बैंक के लिए घुसपैठियों को संरक्षण दे रही तृणमूल : शुभेंदु
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल सरकार बीएसएफ को सीमा पर स्थायी बाड़ लगाने के लिए जमीन देने से इनकार कर रही है.
कोलकाता.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया कि तृणमूल सरकार बीएसएफ को सीमा पर स्थायी बाड़ लगाने के लिए जमीन देने से इनकार कर रही है. इससे 540 किलोमीटर की सीमा असुरक्षित है और लाखों घुसपैठिये राज्य में प्रवेश कर रहे हैं, जिन्हें निर्वासित किया जाना चाहिए. शनिवार सुबह यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि जमीनी हकीकत यह है कि घुसपैठिये, खासकर बांग्लादेशी मुसलमान, पश्चिम बंगाल की सीमा से आ रहे हैं, क्योंकि 540 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई बाड़ नहीं है. उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण, ममता बनर्जी और उनकी पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है. हम उनका पता लगाना, उन्हें हटाना और निर्वासित करना चाहते हैं. वहीं, राज्य में एसआइआर को लेकर किसी का भी नाम हटने के संबंध में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि बांग्लादेश से आये किसी भी अल्पसंख्यक अर्थात हिंदू, नागरिक का नाम एसआइआर में छूट गया है, तो उसे सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के तहत नागरिकता दी जायेगी. उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि राणाघाट और रायगंज जेल में बंद घुसपैठ के आरोपियों की रिहाई की व्यवस्था की जायेगी.शनिवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान शुभेंदु अधिकारी ने राज्य के एक मंत्री व एक तृणमूल पार्षद पर गंभीर आरोप लगाये हैं. श्री अधिकारी ने शनिवार को दक्षिण कोलकाता में स्थित गुलशन कॉलोनी में बाहरी लोगों के आने-जाने की गतिविधियों पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि एक मंत्री व पार्षद के पास अनगिनत मतदाता पहचान पत्र हैं. तृणमूल नेताओं के करीबी लोग एक बार राजाबाजार, फिर उसी दिन मोमिनपुर में जाकर दो-दो बार वोट डालते हैं. इनके पास बहुत सारे ऐसे मतदाता पहचान पत्र हैं, जिनके नाम मोमिनपुर, इकबालपुर इलाके की मतदाता सूची में भी है और राजाबाजार में भी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि वे सुबह राजाबाजार में वोट देते हैं और फिर केमिकल से स्याही हटाते हैं और शाम को अन्य इलाकों में वोट देते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि चेतला में भी यही होता है.
अधीर की तारीफ कर नये राजनीतिक समीकरणों की अटकलों को दी हवाकोलकाता. पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी माहौल गरमाने लगा है. इसी बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के एक बयान ने राज्य की राजनीति में नये समीकरणों की अटकलों को जन्म दे दिया है. शनिवार सुबह महानगर में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शुभेंदु अधिकारी ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की खुलकर तारीफ की. उन्होंने अधीर को शक्तिशाली नेता बताते हुए कहा, “कांग्रेस अब ममता बनर्जी की घोषित मित्र है. जिस दिन अधीर रंजन चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया, उसी दिन राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने यह संकेत दे दिया था कि वे ममता से नहीं लड़ेंगे. अगर कांग्रेस सच में ममता के खिलाफ होती, तो अधीर को नहीं हटाया जाता.” राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शुभेंदु अधिकारी का यह बयान सिर्फ प्रशंसा नहीं, बल्कि आगामी चुनाव से पहले संभावित राजनीतिक पुनर्समीकरण या गठबंधन की ओर भी इशारा करता है. गौरतलब है कि अधीर रंजन चौधरी लंबे समय तक पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कट्टर आलोचक माने जाते हैं. उन्होंने राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर तृणमूल कांग्रेस की नीतियों की लगातार आलोचना की है.
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