जादवपुर यूनिवर्सिटी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर प्रोफेशनल कोर्स की शुरुआत

औद्योगिक अपशिष्ट जल प्रबंधन में दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित कार्यक्रम

By SANDIP TIWARI | December 4, 2025 10:36 PM

औद्योगिक अपशिष्ट जल प्रबंधन में दक्षता बढ़ाने पर केंद्रित कार्यक्रम

कोलकाता. जादवपुर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंटर डिसिप्लिनरी स्टडीज, लॉ एंड मैनेजमेंट के तहत जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पर प्रोफेशनल सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की गयी है. यह कोर्स औद्योगिक अपशिष्ट जल प्रबंधन की गंभीर चुनौती के समाधान के लिए आधुनिक और सतत तकनीकी उपायों पर आधारित है. कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरों, विज्ञान स्नातकोत्तर छात्रों और उद्योग से जुड़े पेशेवरों को पर्यावरण-अनुकूल जल प्रबंधन तकनीक में दक्ष बनाना है. इस कोर्स की परिकल्पना ग्लोबल जादवपुर यूनिवर्सिटी एलुमनाइ फाउंडेशन कैलिफोर्निया ने की है. इसे जादवपुर यूनिवर्सिटी के एफआईएसएलएम के चार विभागों, जल संसाधन अभियांत्रिकी, रासायनिक अभियांत्रिकी, पर्यावरण अध्ययन और सिविल इंजीनियरिंग, के सहयोग से तैयार किया गया है. फाउंडेशन इस कार्यक्रम को तीन वर्षों तक प्रायोजित कर रहा है, जिसे आगे दो वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है.

अध्यक्ष डॉ रंजीत चक्रवर्ती के अनुसार कार्यक्रम की कुल लागत 60,000 अमेरिकी डॉलर है. रासायनिक अभियांत्रिकी (1967) के पूर्व छात्र देबाशीष मुखोपाध्याय द्वारा दिये गये 54,000 डॉलर के योगदान से यह पहल संभव हो सकी है. यह 8 महीने का पूर्णकालिक कार्यक्रम है, जिसमें कक्षा शिक्षण के साथ इंडस्ट्री एक्सपोजर भी शामिल है. प्रत्येक छात्र को 8,000 रुपये मासिक इंटर्नशिप स्टाइपेंड और इंडस्ट्री विजिट के दौरान अतिरिक्त 2,000 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे. कोर्स यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार ‘अप्रेंटिस एम्बेडेड एजुकेशनल प्रोग्राम’ के रूप में संरचित है. छात्र कार्यक्रम की अवधि का पचास प्रतिशत हिस्सा जीरो लिक्विड डिस्चार्ज तकनीक से जुड़ी उद्योगों में व्यतीत करेंगे.

कौशल विकास और रोजगार क्षमता पर जोर: जादवपुर यूनिवर्सिटी के प्रो वाइस चांसलर प्रो (डॉ) अमिताव दत्ता ने कहा कि उद्योगों में मिलने वाला व्यावहारिक प्रशिक्षण छात्रों की रोजगार क्षमता को बढ़ाएगा और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनायेगा. ग्लोबल जादवपुर यूनिवर्सिटी एलुमनाइ फाउंडेशन के प्रोजेक्ट हेड डॉ. बारेन ने इसे एलुमनाइ और विश्वविद्यालय के बीच उत्कृष्ट सहयोग का उदाहरण बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम कौशल-आधारित शिक्षा और हरित उद्योगों के लिए दक्ष मानव संसाधन तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.

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