संदेह के घेरे में चार पुलिस अधिकारी, जांच के आदेश
आरजी कर मामले की शुरुआती जांच करने वाले कोलकाता पुलिस के चार अधिकारियों की भूमिका अब जांच के घेरे में है.
आरजी कर मामला
14 नवंबर को एक और स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का फरमान
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मामले की शुरुआती जांच करने वाले कोलकाता पुलिस के चार अधिकारियों की भूमिका अब जांच के घेरे में है. अदालत ने कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार के सीपी मनोज वर्मा को इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने के संबंध में चारों अधिकारियों की भूमिका की गहन जांच शुरू कराने व लिप्त पाये जाने पर उनपर सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया. 12 सितंबर को अदालत में रिपोर्ट पेश होने के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले में मृतका के माता-पिता के वकीलों ने कोलकाता पुलिस के चार अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाये थे. उस मामले की सुनवाई में सियालदह अदालत ने सीपी मनोज वर्मा को इस मामले की शुरुआती जांच में लापरवाही बरतने के मामले में कोलकाता पुलिस के चार अधिकारियों की भूमिका की गहन अंदरूनी जांच करने और उचित कार्रवाई करने का आदेश दिया है. सियालदह की एसीजेएम अदालत ने सीबीआइ को आरजी कर के कर्मचारियों व डॉक्टरों की भूमिका की भी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया. हालांकि, मामले में संजय राय को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है, लेकिन अदालत की इस टिप्पणी का मतलब यह नहीं है कि इस अपराध या बड़ी साजिश में कोई और शामिल नहीं है, क्योंकि सीबीआइ ने अभी तक अन्य किसी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की है. अदालत ने इस मामले की विस्तृत जानकारी के साथ 14 नवंबर को एक और स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.
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