तालाब भरकर निर्माण किया, तो तोड़ देंगे : सीएम

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में तालाबों के संरक्षण को लेकर कड़ी चेतावनी दी. मुख्यमंत्री ने कहा : अगर जलाशयों को भरकर अवैध निर्माण किया गया, तो उसे तोड़ दिया जायेगा. ममता ने कहा कि पर्यावरण के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

By BIJAY KUMAR | June 24, 2025 11:18 PM

कोलकाता.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में तालाबों के संरक्षण को लेकर कड़ी चेतावनी दी. मुख्यमंत्री ने कहा : अगर जलाशयों को भरकर अवैध निर्माण किया गया, तो उसे तोड़ दिया जायेगा. ममता ने कहा कि पर्यावरण के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता. बता दें कि राज्य के विपक्षी दलों की अक्सर यही शिकायत रहती है कि तालाबों को भरकर अवैध निर्माण किया जा रहा है. जल निकायों को नष्ट करने के भी आरोप लगाये जाते हैं. लेकिन मंगलवार को मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार इस अपराध को बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने विधानसभा में कहा : अगर कोई व्यक्ति जबरन तालाब भर कर निर्माण करता है, तो उसे तोड़ दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए कोई समझौता नहीं किया जा सकता. अगर कोई शिकायत आती है, तो पर्यावरण विभाग सख्त कार्रवाई करेगा. सीएम ने सदन को बताया कि राज्य में वर्ष 2011 के बाद 4.5 लाख नये तालाब खोदे गये हैं. गौरतलब है कि विधानसभा के मॉनसून सत्र में वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य ने तालाब भरने को लेकर कड़ा संदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि वेटलैंड का स्वरूप नहीं बदला जा सकता. वेटलैंड भरने का आरोप साबित होने पर तीन साल की कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. इस बार मुख्यमंत्री ने तालाब भरने को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी.

केंद्र पर बंगाल को बाढ़ राहत से वंचित करने का आरोप :

इस बीच, दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) द्वारा बिना बताये पानी छोड़ने और लगातार बारिश के कारण घाटाल में बाढ़ जैसे हालात हैं. इसका जिक्र किये बिना ही मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत को लेकर केंद्र की आलोचना की है. ममता ने केंद्र सरकार पर राज्य को बार-बार बाढ़ राहत से वंचित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा : ड्रेजिंग नहीं की जाती है.

राज्य में 4,000 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़ा : मु

ख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बाढ़ को रोकने के लिए तीन जिलों में 20 करोड़ मैंग्रोव के पेड़ लगाये हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में 4,000 वर्ग किलोमीटर जंगल बढ़ा है. उन्होंने बताया कि सत्ता परिवर्तन से पहले राज्य में 17.29 फीसदी वन क्षेत्र थे. अब वन क्षेत्र बढ़ कर 21.63 फीसदी हो गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए ये सभी कदम उठाये गये हैं.

घाटाल मास्टर प्लान के लिए केंद्र ने नहीं दिया फंड : ममता

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा में फिर केंद्र सरकार पर बंगाल की उपेक्षा का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि घाटाल मास्टर प्लान के लिए केंद्र सरकार द्वारा कोई मदद नहीं की जा रही है. राज्य सरकार ने घाटाल मास्टर प्लान के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना बनायी है, जिसमें से 500 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं. योजना पर काम भी शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन-चार वर्षों में योजना का काम पूरा कर लिया जायेगा. इसके बाद पश्चिम मेदिनीपुर जिले की बाढ़ की समस्या का स्थायी रूप से समाधान हो जायेगा.

घाटाल मास्टर प्लान को लेकर भ्रामक दावे कर रहीं सीएम :

वहीं, भाजपा विधायक हिरण्मय चटर्जी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने एक बार फिर “घाटाल मास्टर प्लान” को लेकर भ्रामक दावे किये हैं. भाजपा विधायक ने कहा कि घाटाल मास्टर प्लान के लिए केंद्र सरकार ने फंड आवंटन की मंजूरी दी है, लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण योजना अधर में अटका हुआ है. उन्होंने बताया कि 30 जून 2022 को भारत के जल शक्ति मंत्रालय ने एक स्पष्ट पत्र में बताया था कि केंद्र ने घाटाल मास्टर प्लान के प्रथम चरण के कार्य के लिए 1238.95 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी है.

घायल सुरक्षाकर्मियों से की ममता बनर्जी ने मुलाकात

कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को विधानसभा सत्र के अंतिम दिन सदन में उपस्थित होकर सोमवार को भाजपा विधायकों और विधानसभा सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई हाथापाई पर कड़ी नाराजगी जतायी. मुख्यमंत्री सोमवार को इस घटना के समय सदन में अनुपस्थित थीं. मंगलवार को उन्होंने घायल हुए 10 सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात की, उनसे सहानुभूति जतायी और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. उनके अनुरोध पर ममता बनर्जी ने उनके साथ तस्वीरें भी लीं. इसके बाद उन्होंने सदन में घटना का जिक्र करते हुए कहा : जिन लोगों ने मार्शलों पर हमला किया और माइक्रोफोन तोड़े, वे अब आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात की है और सुना है कि उन्हें क्या झेलना पड़ा. गौरतलब है कि भाजपा ने आरोप लगाया था कि उनके सदस्यों पर सुरक्षाकर्मियों ने हमला किया था. ममता बनर्जी ने कहा : मैं केवल इतना ही कहना चाहूंगी कि जनप्रतिनिधियों को विधानसभा में उपस्थित रहना चाहिए और प्रश्न उठाने चाहिए. मैं यह कह सकती हूं कि अन्य विधानसभाओं के मुकाबले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्षी सदस्यों को बोलने के लिए अधिक समय मिलता है.

डीवीसी ने राज्य को बिना बताये छोड़ा पानी

कोलकाता. विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन मंगलवार को केंद्र सरकार के द वाटर ( प्रिवेंशन एंड कंट्रोल पॉल्यूशन) संशोधन कानून 2024 को अपनाने के संबंध में विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया गया. सदन में राज्य वित्त व पर्यावरण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने इस प्रस्ताव को रखा. हालांकि सत्र के अखिरी दिन भाजपा के विधायक इसमें शामिल नहीं हुए. इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदन को संबंधित किया. उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर के घाटाल सहित राज्य के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पर कहा कि बार-बार याद दिलाने व अनुरोध के बावजूद केंद्र के अधीन दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) मैथन और पंचेत में अपने बांधों की ड्रेजिंग नहीं करवा रहा. उन्होंने डीवीसी पर बंगाल सरकार को सूचित किये बिना बरसात के मौसम में अपने बांधों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ने का आरोप को दोहराया. ममता ने सदन में दावा किया कि डीवीसी बिना सूचित किये पानी छोड़ रहा है. उसने अपने बांधों की कई वर्षों से ड्रेजिंग तक नहीं की है. अब डीवीसी के पास अपने बांधों में महज एक लाख क्यूसेक पानी जमा करने की ही क्षमता है. ममता ने कहा कि अगर वे नियमित रूप से ड्रेजिंग आपरेशन करते हैं, तो उनके बांधों में और चार लाख क्यूसेक पानी जमा हो सकता था.

सदन में सबसे अधिक मौजूद वाले विधायक होंगे सम्मानित

कोलकाता. विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन सदन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहुंची थीं. इस दिन उन्होंने सदन को संबोधित किया. इस दौरान विधायकों से समय पर सदन में आने की अपील की. उन्होंने सभी विधायकों से विधानसभा के हर सत्र में उपस्थित रहने को कहा है. इसके साथ ही उन्होंने स्पीकर विमान बनर्जी से अपील करते हुए कहा कि सदन में सबसे अधिक उपस्थित रहनेवाले विधायकों को सम्मानित किया जाये. इससे दूसरे विधायकों में सदन में आने को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी. दूसरे विधायक भी प्रभावित होंगे और सदन में सदस्यों की संख्या बढ़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने सदन को यह भी बताया कि विधानसभा में विपक्षी विधायकों को सबसे अधिक बोलने का अवसर प्रदान किया जाता है. चर्चा सत्र में विपक्षी विधायकों को 55 फीसदी टाइम दिया जाता है. इसके साथ उन्होंने विधायकों को रथ यात्रा व मोहर्रम की शुभकामनाएं दी. विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायकों की उपस्थिति को बढ़ाने के लिए स्पीकर विमान बनर्जी ने तृणमूल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष से अपील की. स्पीकर ने कहा कि कई विधायक ऐसे है जो निर्मल घोष के कक्ष में बैठे रहते हैं और सदन में देर से प्रवेश करते हैं.

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