दुर्गोत्सव का आगाज, मुख्यमंत्री ने तीन दुर्गापूजा पंडालों का किया उद्घाटन
राज्य में शनिवार से दुर्गोत्सव का आगाज हो गया. सुबह से हो रही बारिश के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालया से एक दिन पहले व पितृ पक्ष के अंतिम दिन कोलकाता में तीन दुर्गापूजा पंडालों का उद्घाटन किया.
सीएम ने हाथीबागान सार्वजनिन, टाला प्रत्यय व श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के पूजा पंडालों का किया उद्घाटन
संवाददाता, कोलकाताराज्य में शनिवार से दुर्गोत्सव का आगाज हो गया. सुबह से हो रही बारिश के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महालया से एक दिन पहले व पितृ पक्ष के अंतिम दिन कोलकाता में तीन दुर्गापूजा पंडालों का उद्घाटन किया. उन्होंने इस वर्ष सबसे पहले उत्तर कोलकाता में स्थित हाथीबागान सार्वजनिन दुर्गापूजा समिति के पूजा पंडाल का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने उत्तर कोलकाता के ही प्रमुख पूजा आयोजनों में शामिल टाला प्रत्यय और इसके बाद लेकटाउन में प्रसिद्ध श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब के दुर्गापूजा पंडाल का उद्घाटन किया.मुख्यमंत्री ने श्रीभूमि दुर्गापूजा का उद्घाटन के दौरान कहा क बंगाल में विभिन्न समुदाय मिलकर त्योहार मनाते हैं. दुर्गापूजा के अवसर पर सभी एकजुट होते हैं, जो बंगाल की अनूठी भावना का प्रतीक है. कोई अपनी मां को मां कहता है, तो कोई ‘अम्मा’.
बंधन एक ही रहता है. जैसा कि रामकृष्ण परमहंस ने कहा था, एक ही लक्ष्य तक पहुंचने के अलग-अलग रास्ते हैं. टाला प्रत्यय के पूजा आयोजन का इस बार शताब्दी वर्ष है. शताब्दी वर्ष पर इस पूजा समिति के लिए मुख्यमंत्री ने भाव गीत (थीम सांग) भी लिखा है और पंडाल की थीम का भी नाम- बीज आंगन उन्होंने ही रखा है.इस अवसर पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि रविवार को महालया पर तर्पण के माध्यम से मां दुर्गापूजा के दौरान सभी प्रकार की वर्षा, गरज और वज्रपात के विरुद्ध प्रकाश का संदेश लेकर आयेंगी. महालया से देवी पक्ष की शुरुआत से पहले पितृ पक्ष में ही दुर्गापूजा के उद्घाटन को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा: मैं केवल पंडाल का उद्घाटन करने आयी हूं. मैं महालया से पहले मां की मूर्ति का उद्घाटन नहीं करतीं. आज मैंने किसी भी मूर्ति का उद्घाटन नहीं किया है. मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को दुर्गोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बंगाल के लोगों को दुर्गा पूजा का सालभर इंतजार रहता है. यह उत्सव राज्य में कई लोगों के लिए रोजगार के अवसर व आय बढ़ाने का भी एक प्रमुख जरिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गोत्सव भले ही कुछ दिनों का होता है, लेकिन इसकी तैयारियां लगभग पूरे वर्ष भर होती है. दुर्गापूजा पर हजारों लोगों की आजीविका भी निर्भर है, इसलिए राज्य सरकार इस उत्सव को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. देखें पेज 05 भी
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