पीड़ितों को मुआवजा दे सीइएससी : ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि कई जगहों पर खुले तार के स्पर्श से करंट लगने से आठ लोगों की मौत हो गयी है.
कोलकाता. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि कई जगहों पर खुले तार के स्पर्श से करंट लगने से आठ लोगों की मौत हो गयी है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं यही कहना चाहूंगी कि उनके परिवारों के सदस्यों को सीइएससी की तरफ से क्षतिपूर्ति दी जाये. इसके साथ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए. मैं यह स्पष्ट रूप से कह रही हूं. हम भी हरसंभव मदद करेंगे.
बिजली कंपनी को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा: विद्युत आपूर्ति सीइएससी की तरफ से की जाती है, न कि हमारी सरकार की तरफ से. यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य है, कि लोगों को इससे परेशानी न हो. वे यहां व्यापार करेंगे, लेकिन आधुनिकीकरण नहीं करेंगे? उन्हें लोगों को भेजकर इसे ठीक करना चाहिए.क्या कहा सीइएससी ने: उधर, सीइएससी के कार्यकारी निदेशक (वितरण) अभिजीत घोष ने कहा कि करंट से अधिकांश मौतें घर के निजी विद्युत तंत्र में खराबी के कारण हुई है. श्री घोष ने कहा: हमें आठ मौतों की सूचना मिली है. इनमें से पांच लोगों की मृत्यु घर के निजी विद्युत तंत्र से करंट लगने के कारण हुई, जबकि एक की मौत सिग्नल बॉक्स से करंट लगने के कारण हुई और अन्य दो लोगों की मृत्यु स्ट्रीट लैंप पोस्ट से करंट लगने के कारण हुई है. यह जानना संभव नहीं है कि किस घर के अंदर विद्युत कनेक्शन सिस्टम में कोई खराबी थी या नहीं. अधिकारी ने कहा कि इस घटना को लेकर कंपनी की ओर से जो भी करना है, वह किया जायेगा.
अधिकारी ने कहा:
सुरक्षा कारणों से हमें बिजली आपूर्ति बंद करनी पड़ी है. 50 प्रतिशत सेवाएं पहले ही बहाल कर दी गयी हैं. 100 अतिरिक्त टीमें तैनात की गयी हैं. हैं और सीइएससी के 6000 कर्मचारी सड़कों पर ड्यूटीरत हैं. बिजली के करंट की चपेट में मृत्यु होने की घटना पर श्री घोष ने कहा कि अम्फन की घटना के बाद वितरण प्रणाली को बेहतर करने के लिए कंपनी ने बहुत कुछ किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
