27 दिनों से पशु विश्वविद्यालय के चिकित्सक हड़ताल पर

अब तक किसी ने नहीं ली सुध, ठप है आउटडोर कोलकाता : वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरीज साइंसेस के प्रोफेसर व डॉक्टर विभिन्न मांगों पर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर हैं. विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सकों के हड़ताल के कारण आउटडोर ठप है. ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल का यह एक मात्र पशु […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 21, 2020 2:07 AM

अब तक किसी ने नहीं ली सुध, ठप है आउटडोर

कोलकाता : वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरीज साइंसेस के प्रोफेसर व डॉक्टर विभिन्न मांगों पर पिछले सात दिनों से हड़ताल पर हैं. विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सकों के हड़ताल के कारण आउटडोर ठप है. ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल का यह एक मात्र पशु विश्वविद्यालय हैं, जहां कुत्ते- बिल्ली सिहत अन्य पालतू जानवरों की चिकित्सा व जटिल सर्जरी भी जाती है.
कोलकाता में बेजुबान पालतू जानवरों की चिकित्सा के लिए यह एक मात्र अस्पताल है, लेकिन चिकित्सकों के हड़ताल के कारण इलाज के लिए आने वाले बेजुबान पशुओं को बैगर इलाज के ही लौटना पड़ रहा है. मालूम हो कि आउटडोर में प्रतिदिन 100-150 पालतू पशुओं की चिकित्सा की जाती है. इनमें कुत्तों की संख्या अधिक होती है.
क्या हैं मांगें
अध्यापक संस्था के बैनर तले विश्वविद्यालय के प्रोफेसर-डॉक्टर गत वर्ष 24 दिसंबर से हड़ताल पर हैं. संस्था के अध्यक्ष प्रो. डॉ तपन मंडल ने बताया कि पिछले 10 वर्षों के विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसरों का प्रमोशन नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर डॉक्टरो को ट्रैवलिंग अलाउंस व मेडिकल के लिए सरकार की ओर सुविधाएं दी जाती हैं, लेकिन एनिमल रिसोर्स डिर्पाटमें‍ट(एआरडी) व एग्रीकल्चर साइंसेस के शिक्षकों को सरकार के इन योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.
वहीं अन्य विश्वविद्यालय के शिक्षकों की 1 जनवरी 2019 से रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ा कर 65 कर दी गयी, लेकिन पशु विश्वविद्यालय के शिक्षक व डॉक्टरों के लिए गत सितंबर महीने से इसे लाागू किया गया है इसलिए हड़ताली पशु चिकित्सक बिफरे हुए हैं.

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