बंगाल में संवैधानिक संकट, खतरे में लोकतंत्र : मुकुल राय
कोलकाता :कलकत्ता विश्वविद्यालय में राज्यपालके अपमान पर भाजपा के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है.... राज्यपाल बंगाल के प्रशासनिक प्रधान हैं. राज्यपाल के साथ विवाद संवैधानिक संकट है. राज्य सरकार को संवैधानिक पद का सम्मान देना चाहिए. राय ने बुधवार को प्रदेश […]
कोलकाता :कलकत्ता विश्वविद्यालय में राज्यपालके अपमान पर भाजपा के केंद्रीय कार्यकारिणी के सदस्य मुकुल राय ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है.
राज्यपाल बंगाल के प्रशासनिक प्रधान हैं. राज्यपाल के साथ विवाद संवैधानिक संकट है. राज्य सरकार को संवैधानिक पद का सम्मान देना चाहिए. राय ने बुधवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्यपाल केवल राज्य के संवैधानिक प्रधान नहीं हैं, वरन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं.
जिस तरह से कुलपति चैंबर में ताला बंद कर चलीं गयी. यह बंगाल की संस्कृति के खिलाफ है. क्या राज्य में संवैधानिक संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करेंगे, इस सवाल के जवाब में राय ने कहा कि राज्यपाल केंद्र सरकार के प्रतिनिधि हैं और इस बाबत केंद्र सरकार खुद ही कदम उठायेगी.
राय ने मटियाब्रुज में आरएसएस कार्यकर्ता को गोली मराने व हिंदू जागरण मंच के कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस को सूचित कर जुलूस निकाले जाने के बावजूद पुलिस ने न केवल अनैतिक रूप से गिरफ्तारी की, बल्कि लाठीचार्ज भी किया.
पुलिस पूरी तरह तक ट्रिगर हैपी हो गयी है और गैर लोकतांत्रिक पद्धति अपना रही है. उन्होंने कहा कि अभी तक गोली मारने वाले आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है. इसके खिलाफ गुरुवार को मटियाब्रुज में दोपहर दो बजे एक विरोध सभा का आयोजन किया गया है.
