जादवपुर विश्वविद्यालय में मंत्री के घेराव पर घमासान जारी, गवर्नर ने पुलिस और तृणमूल नेता पर साधा निशाना

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को छुड़ाकर ले जाने के मामले में घमासान जारी है. शुक्रवार को राजभवन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गवर्नर जगदीप धनखड़ के कदम को सही ठहराया गया, तो तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी के गुरुवार के बयान को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 3:07 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित जादवपुर विश्वविद्यालय से केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को छुड़ाकर ले जाने के मामले में घमासान जारी है. शुक्रवार को राजभवन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गवर्नर जगदीप धनखड़ के कदम को सही ठहराया गया, तो तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी के गुरुवार के बयान को गलत करार दिया.

राज्यपाल ने गुरुवार की स्थिति के समाधान हो जाने पर राहत जताते करते हुए कहा कि उनका जादवपुर विश्वविद्यालय जाना जरूरी था. वाइस चांसलर और प्रो वाइस चांसलर दोनों विश्वविद्यालय से जा चुके थे. केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो को छात्रों ने घेर रखा था. चांसलर (कुलाधिपति) तथा विद्यार्थियों के अभिभावक होने के नाते राज्यपाल ने संस्थान के हित में विद्यार्थियों से बात करने का फैसला किया.

विज्ञप्ति में राज्यपाल ने कहा है कि विश्वविद्यालय जाने से पहले बतौर राज्यपाल व चांसलर उन्होंने स्थिति के समाधान की तमाम कोशिशें कीं. उन्होंने पुलिस महानिदेशक तथा मुख्य सचिव से भी बात की. आखिरी कदम के तौर पर उन्होंने मुख्यमंत्री से संपर्क किया और गंभीर स्थिति और उसके परिणामों से अवगत कराया. राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच कई बार फोन पर बातचीत हुई.

हालांकि, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच क्या बातचीत हुई, इसका ब्योरा देने से राज्यपाल ने इन्कार कर किया. उन्होंने कहा कि पर्याप्त समय गुजर जाने के बाद वह राजभवन से निकले. और तब तक स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ था. बतौर विश्वविद्यालय के चांसलर उन्होंने विश्वविद्यालय का दौरा करना उचित समझा और सभी संबंधित संस्थानों को इस संबंध में अवगत कराया.

राज्यपाल के मुताबिक, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि तृणमूल के महासचिव ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि राज्यपाल ने सरकार को इस बाबत सूचना नहीं दी और विश्वविद्यालय में जाने से पहले राज्य सरकार को विश्वास में नहीं लिया. स्पष्ट है कि वह राज्यपाल के पुलिस महानिदेशक, मुख्य सचिव तथा मुख्यमंत्री से होने वाली बातचीत के संबंध में नहीं जानते थे. उनकी प्रेस विज्ञप्ति में तथ्यात्मक त्रुटि है.

राज्यपाल ने एक बार फिर यह याद दिलाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के वह अभिभावक हैं. उनके दरवाजे विद्यार्थियों के लिए हमेशा खुले हैं. उन्होंने कहा कि बातचीत से ही विश्वविद्यालय तथा शिक्षा संबंधी समस्याओं को दूर किया जा सकता है.

राजभवन से जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह भी लिखा है कि राज्यपाल जादवपुर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शिक्षकों से बातचीत करना चाहते हैं, ताकि विश्वविद्यालय में शिक्षा के माहौल में और सुधार हो सके. विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की गंभीर गलतियों, उनकी अपनी जिम्मेदारियों से भागने, राज्य पुलिस प्रशासन की स्थिति को सही तरीके से संभालने में असफलता तथा राज्यपाल की सुरक्षा की अपर्याप्त व्यवस्था पर अपने आगामी कदमों के संबंध में भी वह विचार कर रहे हैं.

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