केंद्रीय मंत्रिमंडल में बंगाल के चार लोगों को मिल सकती है जगह

संभावितों में बाबुल सुप्रियो, एसएस अहलुवालिया व शांतनु ठाकुर शामिल कोलकाता : लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की अभूतपूर्व सफलता के बाद अब पार्टी की नजर 2021 में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर है. लिहाजा बंगाल के सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर शामिल करने की संभावना बढ़ गयी है. पिछले लोकसभा चुनाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2019 6:40 AM
  • संभावितों में बाबुल सुप्रियो, एसएस अहलुवालिया व शांतनु ठाकुर शामिल
कोलकाता : लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा की अभूतपूर्व सफलता के बाद अब पार्टी की नजर 2021 में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर है. लिहाजा बंगाल के सांसदों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर शामिल करने की संभावना बढ़ गयी है. पिछले लोकसभा चुनाव में बंगाल से सांसद चुने गये बाबुल सुप्रियो और एसएस अहलुवालिया, दोनों को ही मंत्रिमंडल में जगह मिली थी.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें, तो बाबुल सुप्रियो को एक बार फिर से मंत्री बनाये जाने की संभावना प्रबल है. बाबुल के अलावा तीन अन्य सांसदों को मंत्री बनाया जा सकता है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष भले ही सांसद बन गये हों, लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के ही काम में लगाये जाने का फैसला लिया जा सकता है. श्री घोष के बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रदर्शन से भाजपा आलाकमान संतुष्ट है. माना जा रहा है कि श्री घोष की जरूरत राज्य की राजनीति में आनेवाले दिनों में और बढ़ेगी, लिहाजा उन्हें पार्टी का दायित्व दिये जाने की संभावना है.
दूसरी ओर नये सांसदों को मंत्री बनाये जाने की भी संभावना प्रबल है. बनगांव के सांसद शांतनु ठाकुर को भी मंत्री बनाये जाने की संभावना जतायी जा रही है. मतुआ संप्रदाय के और करीब पहुंचने की यह भाजपा की कोशिश हो सकती है. हालांकि अभी तक संभावित मंत्रियों के नाम स्पष्ट नहीं हो सके हैं.
इधर जंगीपुर से भाजपा उम्मीदवार माफूजा खातून को प्रधानमंत्री कार्यालय से फोन किया गया है. सूचना के मुताबिक पीएमओ से माफूजा के बायोडेटा के संबंध में जानकारी मांगी गयी. साथ ही यह भी पूछा गया कि उनके खिलाफ कोई मामला है या नहीं. गौरतलब है कि जंगीपुर में 3.17 लाख वोट हासिल करके माफूजा ने पिछले सांसद अभिजीत मुखर्जी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया है. भले ही माफूजा चुनाव जीत न सकीं, लेकिन उनके प्रचार की पद्धति और जनसंपर्क ने सभी का मन मोहा है.

Next Article

Exit mobile version