नियमित उपस्थिति के लिए दिये जायेंगे अंक

कोलकाता : राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के तहत चल रहे कॉलेजों में प्राय: विद्यार्थी अपनी उपस्थिति को लेकर काफी गैर-जिम्मेदार होते हैं. बाद में परीक्षा के समय कम उपस्थिति होने पर उनको सेमेस्टर परीक्षा के लिए फार्म नहीं दिया जाता है, जिससे छात्र कॉलेज परिसरों व बाहर सड़कों पर आंदोलन करने लगते हैं. ऐसी स्थिति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 18, 2019 3:15 AM
कोलकाता : राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के तहत चल रहे कॉलेजों में प्राय: विद्यार्थी अपनी उपस्थिति को लेकर काफी गैर-जिम्मेदार होते हैं. बाद में परीक्षा के समय कम उपस्थिति होने पर उनको सेमेस्टर परीक्षा के लिए फार्म नहीं दिया जाता है, जिससे छात्र कॉलेज परिसरों व बाहर सड़कों पर आंदोलन करने लगते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए अब कॉलेजों में स्नातक छात्रों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था की जायेगी.
छात्र नियमित रूप से कॉलेजों में आ सकें व समय पर सेमेस्टर परीक्षा में बैठ पायें, इसके लिए नयी मार्किंग व्यवस्था भी की गयी है. इस विषय में कलकत्ता विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर (एकेडमिक) दीपक कर ने बताया कि क्रेडिट प्रणाली में कॉलेजों को उपस्थिति का विकल्प तैयार करने के लिए कहा गया है.
चोइस्ड-बेस्ड क्रेडिट प्रणाली में छात्रों के लिए नियमित कक्षा में मौजूद रहना अनिवार्य कर दिया गया है. इसमें विद्यार्थियों को सेमेस्टर परीक्षा में बैठने के लिए 60 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है. छात्रों को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए उपस्थिति के लिए 10 अंक अलग से रखे गये हैं.
कलकत्ता विश्वविद्यालय की ओर से एक बार फिर कॉलेजों को उपस्थिति का नियम पालन करने के लिए नया निर्देश दिया गया है. अब कॉलेजों में विद्यार्थियों के लिए भी बायोमेट्रिक उपस्थिति की प्रणाली शुरु करने का सुझाव दिया गया है. अगर किसी भी छात्र की उपस्थिति कम होगी तो सेमेस्टर परीक्षा में बैठने नहीं दिया जायेगा. प्रत्येक छात्र के लिए न्यूनतम उपस्थिति होना अनिवार्य है. यह चेतावनी सभी कॉलेज प्रशासन को दी गयी है.
श्री कर का कहना है कि सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इसको लेकर शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ संवाद करें व सीबीसीएस के क्रियन्वयन को लेकर एक मूल्यांकन करें. उनका कहना है कि छात्रों की उपस्थिति पर निगरानी रखने के लिए कॉलेजों को बायोमेट्रिक प्रणाली का प्रयोग करने के लिए कहा गया है.
प्रत्येक 15 या 30 दिनों में उनकी उपस्थिति का ध्यान रखा जायेगा, ताकि आगे जाकर वे इसमें संतुलन बना कर चल सकें. कॉलेजों को इसकी पुख्ता व्यवस्था करनी होगी. एक सेमेस्टर में 60 से लेकर 74 प्रतिशत उपस्थिति होने पर 10 में से 6 अंक दिये जायेंगे. 75 से 90 प्रतिशत की उपस्थिति वाले छात्रों को 8 अंक व 90 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले छात्र को पूरे 10 अंक दिये जायेंगे.
अब मार्किंग व्यवस्था करने से छात्रों में उपस्थिति को लेकर गंभीरता आयेगी. पिछले दिनों कई कॉलेजों को छात्रों के उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनको उपस्थिति कम होने के कारण सेमेस्टर से बाहर निकाल दिया गया था.
जनवरी में हुए प्रथम सेमेस्टर में कुछ छात्रों को बाहर कर दिया गया था. आंदोलन कर रहे कई छात्रों ने कलकत्ता विश्वविद्यालय प्रशासन से इस बात की शिकायत की थी कि उनको परीक्षा में बैठने नहीं दिया जा रहा है. इसी से सबक लेते हुए नयी व्यवस्था की जा रही है.
बीए, बीएससी व बीकॉम तीनों स्ट्रीम में उपस्थिति को लेकर जारी नियम का पालन करने के लिए कहा गया है. एक बैठक में कई कॉलेजों के प्रिंसिपलों ने इस बात की शिकायत की है कि छात्र कक्षाओं में नियमित आ ही नहीं रहे हैं. कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि कलकत्ता विश्वविद्यालय से इस बारे में समान नियम बनाने के लिए कहा गया है.
जो नियमित कक्षाओं में उपस्थित नहीं होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. कुछ प्रिंसिपल यह जानना चाहते हैं कि कलकत्ता विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग से इस मुद्दे पर सभी कॉलेजों के लिए समान नियम बनाने की अपील करे. हालांकि कॉलेज प्रशासन को ही उपस्थिति की समस्या का समाधान निकालना होगा. प्रत्येक छात्र के लिए कम से कम 60 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी.

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