गंगा नदी में गिर रहा है पानी का स्तर

कोलकाता : एक शोध में दावा किया गया है कि भारत की सबसे पावन नदी गंगा में सूखे की यह स्थिति जारी रही तो इसके तटीय इलाकों में रह रहे लाखों लोगों को अगले तीन दशकों में खाद्यान्न की कमी का सामना करना पड़ सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि नदी का कम बहाव […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 16, 2018 6:29 AM
कोलकाता : एक शोध में दावा किया गया है कि भारत की सबसे पावन नदी गंगा में सूखे की यह स्थिति जारी रही तो इसके तटीय इलाकों में रह रहे लाखों लोगों को अगले तीन दशकों में खाद्यान्न की कमी का सामना करना पड़ सकता है. शोधकर्ताओं का कहना है कि नदी का कम बहाव संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि सतही और भूजल के दुरुपयोग ने गंगा नदी को सोचनीय स्थिति में डाल दिया है और पानी के निरंतर इस्तेमाल के संदर्भ में खेती में अक्षमता भी परेशानी का सबब बनी हुई है. इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए गए तो अगले 30 वर्षो में नदी के बहाव में भूजल का कोई योगदान नहीं रह जाएगा.
यह शोध आइआइटी खड़गपुर के अभिजीत मुखर्जी, सौमेंद्र नाथ भान्जा (आइआइटी खड़गपुर के पूर्वछात्र) और ऑस्ट्रिया के आइआइएएसए (इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लायड सिस्टम्स एनालिसिस) के योशिहिदे वाडा ने किया है. इन्होंने वाराणसी से बंगाल की खाड़ी तक की गंगा नदी का अध्ययन किया है. वाडा ने बताया कि शोध में पाया है कि बेसिन में भूजल की निकासी का स्तर अस्थायी है, जिससे न सिर्फ भूजल का स्तर घटेगा, बल्कि गर्मियों में नदी के बहाव में कमी आयेगी़

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