असम में 40 लाख लोगों की नागरिकता पर सवाल बंगालियों-बिहारियों को बाहर निकालने की साजिश : ममता

कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज NRCAssam का अंतिम ड्राफ्ट जारी होने के बाद कहा कि इस ड्रॉफ्ट में पासपोर्ट, आधार कार्ड और पहचान पत्र धारकों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं. उन्होंने इस लिस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार जबरदस्ती लोगों को यहां से बेदखल करना चाहती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2018 2:29 PM


कोलकाता :
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज NRCAssam का अंतिम ड्राफ्ट जारी होने के बाद कहा कि इस ड्रॉफ्ट में पासपोर्ट, आधार कार्ड और पहचान पत्र धारकों के नाम शामिल नहीं किये गये हैं. उन्होंने इस लिस्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सरकार जबरदस्ती लोगों को यहां से बेदखल करना चाहती है.

राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अंतिम मसौदे में 40 लाख आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज कहा कि वे ‘‘भारतीय नागरिक’ अपनी ही जमीन पर ‘‘शरणार्थी’ हो गए हैं. ममता ने यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार ‘‘वोट बैंक की राजनीति’ कर रही है.

ममता ने कहा कि मैं उन लोगों के लिए परेशान हूं जो अपने ही देश में रिफ्यूजी बनने जा रहे हैं. यह एक षडयंत्र है जिसके जरिये बिहारियों और बंगालियों को यहां से निकाला जा रहा है. इसके परिणाम हमारे प्रदेश पर भी दिखेंगे. उन्होंने कहा कि जिन 40 लाख लोगों का नाम नागरिकों की सूची से हटाया गया है, क्या सरकार के पास उनके पुनर्वास की कोई योजना है?

#NRCAssam का फाइनल लिस्ट जारी, 2.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल

इसके बुरे परिणाम हमारे राज्य बंगाल को भुगतने होंगे. ममता ने कहा कि मैं गृहमंत्री राजनाथ सिंह से यह आग्रह करती हूं कि वे इस मसले पर ध्यान दें, क्योंकि यह सिर्फ वोट की राजनीति का हिस्सा है. मैं असम जाने की कोशिश कर रही हूं मेरे कुछ सांसद गये हैं देखती हूं मुझे जाने दिया जाता है या नहीं.

दिल्ली के लिए आज रवाना हो रहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से समय मांगेंगी. यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिम बंगाल सरकार उन लोगों को आश्रय देगी जिनके नाम एनआरसी के अंतिम मसौदे में शामिल नहीं हैं, इस पर ममता ने कहा, ‘‘उनके अपने घर हैं…..वे असम के निवासी हैं. यदि वे आना चाहेंगे तो हम इस बारे में सोचेंगे. लेकिन उन्हें निकाला ही क्यों जाए? वे भारतीय हैं, लेकिन वे अपने ही देश में शरणार्थी बन गए हैं.’ ममता ने यह दावा भी किया कि कुछ ऐसे लोगों के भी नाम अंतिम मसौदे से हटा दिए गए हैं जिनके पास पासपोर्ट, आधार और वोटर कार्ड हैं.

केंद्र पर 40 लाख लोगों को जबरन निकालने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा, ‘‘यह गंभीर चिंता की बात है. इंटरनेट सेवाएं खत्म कर दीगयी हैं. हम असम में लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे.’ कड़ी सुरक्षा के बीच आज एनआरसी का अंतिम मसौदा प्रकाशित किया गया. इसमें 3.29 करोड़ आवेदकों में से 2.89 करोड़ के नाम शामिल किए गए हैं.