बंगाल सरकार को पंजाब व तेलंगाना ने पुलिस देने से किया इनकार

कोलकाता : पंचायत चुनाव में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर गुरुवार को राज्य सचिवालय में दिन-भर बैठकों का दौर जारी रहा. राज्य के मुख्य सचिव मलय दे के नेतृत्व में हुई बैठक में मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल की तैनाती को लेकर विचार-विमर्श किया गया.गौरतलब है कि राज्य सरकार ने चार राज्य आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, तेलंगाना व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 4, 2018 2:03 AM
कोलकाता : पंचायत चुनाव में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर गुरुवार को राज्य सचिवालय में दिन-भर बैठकों का दौर जारी रहा. राज्य के मुख्य सचिव मलय दे के नेतृत्व में हुई बैठक में मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बल की तैनाती को लेकर विचार-विमर्श किया गया.गौरतलब है कि राज्य सरकार ने चार राज्य आंध्र प्रदेश, ओड़िशा, तेलंगाना व पंजाब से सशस्त्र सुरक्षा बल की मांग की थी, लेकिन इन चार राज्यों में से तेलंगाना व पंजाब ने सशस्त्र सुरक्षा बल देने से इनकार कर दिया है.
ऐसे में पंचायत चुनाव के दौरान यहां सिर्फ दो राज्यों से ही सशस्त्र सुरक्षा बल के जवान आयेंगे. इन राज्यों से कितने जवान आयेंगे, इसकी संख्या भी अब तक तय नहीं हुई है. बूथों पर सुरक्षा बल के जवानों की संख्या तय करने के लिए यह बैठक हुई. इस बैठक में राज्य के मुख्य सचिव के साथ-साथ गृह सचिव अत्रि भट्टाचार्य, राज्य के डीजी सुरजीत कर पुरकायस्थ, आइजी (कानून-व्यवस्था) अनुज शर्मा, पंचायत सचिव सौरभ दास सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे.
वहीं, बैठक के दौरान राज्य सरकार ने राज्य चुनाव आयुक्त एके सिंह से भी बातचीत की. आयोग ने भी राज्य सरकार को पंचायत मतदान के दौरान बूथों पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रस्ताव दिये हैं. आयोग ने प्रत्येक अत्यंत संवेदनशील व संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सशस्त्र सुरक्षा बल के जवानों को तैनात करने का प्रस्ताव पेश किया है. बूथों पर सशस्त्र बल के जवानों के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है.
हालांकि, राज्य सरकार ने अत्यंत संवेदनशील बूथों पर दो व आंशिक संवेदनशील केंद्रों पर एक-एक सशस्त्र जवान तैनात करने की बात कही है, लेकिन इससे राज्य चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को हाइकोर्ट में इसे लेकर मामले की सुनवाई होनी है और हाइकोर्ट को अपना जवाब देने के लिए आयोग व राज्य सरकार ने तैयारियां कर ली है.

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