Calcutta High Court : हाईकोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में स्थित बहरमपुर लोकसभा सीट पर चुनाव टालने का दिया प्रस्ताव

Calcutta High Court : हाईकोर्ट ने हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है. चुनाव रोकने के संबंध में अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. अब मामले में शुक्रवार को आगे की सुनवाई होगी.

By Shinki Singh | April 23, 2024 5:32 PM

Calcutta High Court : रामनवमी के दिन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट (Calcutta High Court ) में याचिका दायर की गई. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा. इसके साथ ही कोर्ट ने चुनाव आयोग से मौजूदा स्थिति को देखते हुए बरहामपुर निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव स्थगित करने को कहा. दरअसल, मामले की एनआईए जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी.

अब अगली सुनवाई 26 अप्रैल को

अब अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सख्त निर्देश दिए कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा, जहां रामनवमी के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई थी. अदालत ने कहा, ‘अगर लोग 8 घंटे शांति से किसी भी पर्व का आनंद और जश्न नहीं मना सकते, तो हम चुनाव आयोग को ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव नहीं कराने की सिफारिश करेंगे.

हाईकोर्ट ने कहा – यहां चुनाव कराने जैसे हालात नहीं

अदालत ने सख्त लहजे में कहा, ‘यदि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो समूहों के लोग लड़ रहे हैं तो एक-दूसरे को अपने प्रतिनिधि को वोट देने का कोई हक नहीं है. बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने बंगाल सरकार को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि वह उन निर्वाचन क्षेत्रों में लोकसभा चुनाव की अनुमति नहीं देगा जहां राम नवमी समारोह के दौरान सांप्रदायिक हिंसा देखी गई है.

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आचार सहिंता लागू होने के बावजूद हुआ हंगामा

मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम की अध्यक्षता वाली पीठ की यह टिप्पणी 17 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर सुनवाई के दौरान आई. कोर्ट ने कहा कि यदि लोग शांति और सद्भाव में नहीं रह सकते हैं, तो हम कहेंगे कि चुनाव आयोग इन जिलों में संसदीय चुनाव नहीं करा सकता है. यही एकमात्र तरीका है. आचार सहिंता लागू होने के बावजूद, अगर लोगों के दो समूह इस तरह लड़ रहे हैं तो वे किसी भी निर्वाचित प्रतिनिधियों के लायक नहीं हैं.

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चुनाव 7 मई और 13 मई को

हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव 7 मई और 13 मई को हैं. हम कहेंगे कि चुनाव कराने ही नहीं चाहिए. चुनाव का क्या फायदा? कोलकाता में भी 23 स्थान ऐसे हैं, जहां जश्न मनाया गया लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. यदि आचार सहिंता लागू होने पर ऐसा हो रहा है, तो राज्य पुलिस क्या करती है? केंद्रीय बल क्या कर रहे हैं? दोनों झड़पों को रोक नहीं सके. अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है? इस पर राज्य की तरफ पेश हुए वकील ने कहा कि सीआईडी ने अब जांच अपने हाथ में ले ली है.

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हाईकोर्ट ने हिंसा पर मांगी रिपोर्ट

वहीं हाईकोर्ट ने कहा कि हमारा प्रस्ताव है कि हम भारत के चुनाव आयोग को एक सिफारिश करेंगे कि जो लोग शांति से जश्न नहीं मना सकते, उन्हें चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम चुनाव आयोग को प्रस्ताव देंगे कि बहरमपुर (मुर्शिदाबाद क्षेत्र) में चुनाव टाल दिया जाए. दोनों पक्षों की यह असहिष्णुता अस्वीकार्य है. हाईकोर्ट ने हिंसा पर रिपोर्ट मांगी है. चुनाव रोकने के संबंध में अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. अब मामले में शुक्रवार को आगे की सुनवाई होगी.

क्या है मामला

बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में बुधवार 17 अप्रैल को रामनवमी शोभायात्रा के दौरान हिंसक झड़प देखने को मिली थी. घटना शाम शक्तिपुर इलाके में हुई. यहां रामनवमी के मौके पर जुलूस निकाला जा रहा था. घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें दिख रहा है कि लोग अपनी छतों से जुलूस पर पथराव कर रहे हैं. हिंसक घटना के कारण तनाव बढ़ता देख, भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े. इस दौरान कई लोग घायल हो गए थे.

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