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कार्यों की सराहना से युवाओं का आत्मबल बढ़ेगा

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस. प्रभात खबर के कार्यालय में बोले युवा युवा शक्ति देश की बहुत बड़ी ताकत है. पूरे विश्व में विकास की दिशा में युवाओं के योगदान व उनके प्रयासों की सराहना के लिए प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र का (यूएन) अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है. इसी उद्देश्य से प्रभात खबर […]

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस. प्रभात खबर के कार्यालय में बोले युवा
युवा शक्ति देश की बहुत बड़ी ताकत है. पूरे विश्व में विकास की दिशा में युवाओं के योगदान व उनके प्रयासों की सराहना के लिए प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र का (यूएन) अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाता है.
इसी उद्देश्य से प्रभात खबर कार्यालय में शुक्रवार को इन्टरनेशनल यूथ दिवस मनाया गया. युवाओं को सकारात्मक योगदान के लिए प्रेरित किया गया और इस मौके पर युवाओं ने अपनी राय भी रखी. कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे अलग-अलग क्षेत्रों के युवाओं ने कहा कि आज के युवाओं में प्रतिभा व ऊर्जा की कोई कमी नहीं है. वे सब कुछ कर सकते हैं. बस, उन्हें सही मार्ग दर्शन की जरूरत है. पेश है युवाओं की राय :
अमन सिद्धिकी (यंग बिजनेसमैन) : आज के युवाओं के लिए रोजगार बहुत बड़ी समस्या है. युवाओं को पूरे देश में दक्षता के जरिये आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है. आज आैद्योगिक क्षेत्र में स्टार्टअप के जरिये युवा आगे बढ़ रहे हैं. अपनाहुनर दिखा रहे हैं. सफलता का एक ही मंत्र है, जो करो दिल से करो व उसमें अपनी पूरी ताकत लगा दो.
अयान सिद्धिकी (छात्र) : बच्चों को पैरेंट्स अगर सही परवरिश दें तो एक सही दिशा में उनकी ग्रोथ होती है. पैरेंट्स के संस्कार बच्चों के लिए एक सक्सेस मंत्र है. अपने स्कूल के होस्टल में मैंने देखा है, कुछ बच्चे बिना मां-बाप के हैं. ऐसे बच्चों को भी एक सही गाइडेंस, प्यार व मोटीवेशन की जरूरत है. ये सब मिलने पर बच्चे बहुत आगे जा सकते हैं. उनका टैलेंट निखर सकता है.
अमन दूबे (बास्केटबॉल खिलाड़ी) : श्री जैन विद्यालय में अभी 12वीं में पढ़ रहा हूं. बास्केटबॉल खेलना अच्छा लगता है. मेरे दादाजी भी कुश्ती लड़ते थे. उनसे बहुत प्रेरणा मिली है. मेरे पापा भी हर काम में बहुत प्रोत्साहित करते हैं.
अजीत शर्मा (बास्केटबॉल कोच) : हमारे देश में भी युवा खेल प्रतिभाएं हैं लेकिन हर खेल के लिए अच्छी ट्रेनिंग होनी चाहिए. मैं बच्चों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देता हूं. युवाओं में जिस खेल के प्रति भी रुचि हो, उसी पर फोकस करें तो कामयाब जरूर होंगे.
विभा चावला (मेकअप आर्टिस्ट व स्टाइलिस्ट) : अभी बच्चों के मनोरंजन व उनकी ग्रोथ के लिए कई साधन उपलब्ध हैं. हमारा बचपन तो बहुत खुले मैदान में बीता. उस समय बहुत ज्यादा टेक्नोलॉजी अपडेट नहीं थी.
अभी हर क्षेत्र में, यहां तक कि सौंदर्य के क्षेत्र में भी युवाओं के लिए काफी संभावनाएं हैं. मैं खुद एक ब्यूटीशियन हूं. वेलड्रेस अप, आकर्षक चेहरा, खूबसूरत कपड़े, बेहतरीन संवाद, बॉडी लैंग्वेज यह सब बहुत मायने रखती है.
डॉ अभिषेक हाल्दार (दंत चिकित्सक) : युवा देश की बहुत बड़ी ताकत है. देश में 65 प्रतिशत आबादी तो युवा ही हैं. जो देश के पोलिसीमेकर हैं, उनको युवाओं के लिए हमेशा सोचना चाहिए. उनकी दक्षता को बढ़ाकर एक ट्रेंड श्रमशक्ति तैयार की जा सकती है. बच्चों के पैरेंट्स, शिक्षक व हमारे नेता भी उनको सही दिशा दे सकते हैं.
अजीत दूबे (पत्रकार) : कई सालों से मीडिया से जुड़ा हुअा हूं. जो युवा जिस क्षेत्र में पारंगत हैं, उसी में उनको आगे बढ़ाना चाहिए. इसमें गार्जियन का सपोर्ट बहुत मायने रखता है. युवाओं को भी अपने देश की संस्कृति व मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए. केवल पश्चिमी सभ्यता के पीछे न भागें, बल्कि मूल्य आधारित भारतीय संस्कृति से युवा जुड़ें.
शायना जावेद (रोशनी यूथ ग्रुप, की सचिव) : देश तभी तरक्की करेगा, जब यहां कोई भी जाति-पाति, धर्म या लिंग भेद न किया जाये. सबको समान अवसर व आगे बढ़ने के लिए समान सुविधाएं मिलनी चाहिए. हमारी संस्था युवाओं की सेल्फ स्ट्रीम बढ़ाने का काम करती है. सामाजिक मुद्दे पर लड़के-लड़की समान होने चाहिए, तभी युवा शक्ति आगे बढ़ेगी.
मुखविंदर सिंह (बड़ा बाजार, गुरुद्वारा के सदस्य) : देश की उन्नति में युवाओं की शक्ति का बहुत बड़ा योगदान है. यदि उनको सकारात्मक रूप से प्रोत्साहित किया जाये तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. कई बार ऐसे साहसी युवाओं के अच्छे काम की चर्चा तक नहीं होती है. युवाओं की ताकत बढ़ानी है तो उनको खुले दिल से प्रोत्साहित करना होगा.
हरप्रीत सिंह (यूथ खालसा क्लब) : देश तभी तरक्की कर सकता है, जब इस देश के हरेक बच्चे को तालीम मिले. अभी भी कई बच्चे बाल श्रमिक हैं, वे जोखिम भरे काम में अपना जीवन व बचपन गंवा रहे हैं. उनको बचाने की जरूरत है. उनको तालीम देकर सशक्त बनाने की जरूरत पहले है. ये बच्चे देश का भविष्य हैं.
यशवंत राय (आयकर अधिकारी): युवाओं को सही रूप में आगे बढ़ाने की शुरुआत पहले घर से होनी चाहिए. माता-पिता के संस्कार व परवरिश ही बच्चों के जीवन की मजबूत नींव तैयार करती है. बच्चे सबसे पहले घर से सीखते हैं. युवाओं को सशक्त करने व उनका चरित्र निर्माण करने में शिक्षकों व मेर्न्टस की बड़ी भूमिका है.

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