20 अप्रैल को कोलकाता से देश में बदलाव की हुंकार भरेंगे वामपंथी
ब्रिगेड रैली के समर्थन में कई वामपंथी संगठन उतरे सड़क पर
किया निजीकरण की कोशिशों का पुरजोर विरोध रानीगंज. वामपंथी श्रमिक संगठनों सीटू, एएकेएसए, आइएडब्ल्यूपीबीयूएस ने बंगाल समेत देश में परिवर्तन लाने के लिए शुक्रवार शाम को रानीगंज में विशाल रैली निकाली. रानीगंज रेलवे स्टेशन मैदान से लेकर रैली एनएसबी रोड होते हुए सियारसोल राजबाड़ी में रबींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा तक पहुंची. यहां नुक्कड़ सभा की गयी. रैली में माकपा के युवा संगठन डीवाइएफआइ की राज्य सचिव मीनाक्षी मुखर्जी, आसनसोल के पूर्व सांसद वंशगोपाल चौधरी, कृष्ण दासगुप्ता, सुप्रिय रॉय समेत कई नेता व कैडर मौजूद थे. यह रैली 20 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में वामपंथी श्रमिक संगठनों की होनेवाली विशाल जनसभा के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से निकाली गयी थी. वामपंथी श्रमिक संगठनों ने रेलवे, विद्युत, बैंक, बीमा और कोयला उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में निजीकरण को रोकने,श्रमिकों और खेत मजदूरों की मजदूरी में वृद्धि करने,मनरेगा परियोजना में पारिश्रमिक को 600 करना और 200 दिन का कार्य सुनिश्चित करना,बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है. राजबाड़ी इलाके में आयोजित नुक्कड़ सभा में वामपंथी नेताओं ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और 20 तारीख की ब्रिगेड रैली को सफल बनाने का आह्वान किया. इस दौरान मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि बंगाल में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं होते हैं. उन्होंने टीएमसी पर चुनावों में व्यापक धांधली करने का आरोप लगाया.उन्होंने निजीकरण के देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव की बात कही और रोजगार की कमी के कारण भत्ता बढ़ाने की मांग की. उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर सत्ता पक्ष के निर्देशानुसार काम करने और निष्पक्ष चुनाव न कराने का आरोप लगाया. उन्होंने लोगों से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आग्रह किया.
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