आसनसोल : पुलिस बेरिकेड तोड़ प्रदर्शन, जीटी रोड जाम

विक्षोभ. केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ वामपंथी यूनियनों का अवज्ञा आंदोलन केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों तथा सरकारी प्रतिष्ठानों की बंदी व निजीकरण के विरोध सहित 12 सूत्रीमांगों के समर्थन में वामपंथी यूनियनें सड़क पर उतरी. कानून का उल्लंघन कर प्रदर्शन किया तथा अपनी शक्ति की आजमाइश की. आसनसोल : केंद्र सरकार की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 21, 2018 3:42 AM

विक्षोभ. केंद्र की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ वामपंथी यूनियनों का अवज्ञा आंदोलन

केंद्र सरकार की जन विरोधी नीतियों तथा सरकारी प्रतिष्ठानों की बंदी व निजीकरण के विरोध सहित 12 सूत्रीमांगों के समर्थन में वामपंथी यूनियनें सड़क पर उतरी. कानून का उल्लंघन कर प्रदर्शन किया तथा अपनी शक्ति की आजमाइश की.
आसनसोल : केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों तथा सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्यमों के निजीकरण का विरोध सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में मंगलवार को वामपंथी ट्रेड यूनियनों ने बीएनआर में जीटी रोड जाम किया तथा कानून का बहिष्कार किया. आसनसोल सदर महकमा शासक प्रलय राय चौधरी के कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. एटक नेता सह पूर्व सांसद आरसी सिंह, सीटू के जिलाध्यक्ष विनय कृष्ण चक्रवर्ती, महासचिव वंशगोपाल चौधरी,
गौरांग चटर्जी, विवेक होम चौधरी, रूणु दत्त, संतोष देवनाथ, डॉ अरूण पांडे, यूटीयूसी के भवानी आचार्या, विदु चौधरी, माकपा जिला कमेटी सदस्य पार्थो मुखर्जी, पार्षद वशीमूल हक, गौतम चौधरी, सुब्रत मिश्र, पिंटू गांगुली आदि उपस्थित थे. बीएनआर स्थित रवीन्द्र भवन के समक्ष पथ सभा का आयोजन किया गया.
बीएनआर से भगत सिंह रोड होकर वापस बीएनआर से कोर्ट की रवाना हो गये. रैली में केन्द्र सरकार की नीतियों का विरोध किया गया. रैली को रोकने के लिए आसनसोल दक्षिण थाना प्रभारी मनोरंजन मंडल, आसनसोल पीपी थाना प्रभारी अमित हलदार, आसनसोल नॉर्थ थाना प्रभारी शांन्तनु चक्रवर्ती, हीरापुर थाना प्रभारी राजशेखर मुखर्जी आदि उपस्थित थे. पुलिस ने प्रदर्शनकारियो को रोकने के लिए आसनसोल संशोधनागार के समक्ष एक बेरीकेट बनाया था. जिसे तोड कर प्रदर्शनकारी आगे बढ़ गये. पुलिस ने बल प्रयोग कर प्रदर्शनकारियो को कोर्ट के समक्ष रोक दिया. कोर्ट के पास से कानून बहिष्कार रैली वापस बीएनआर सडक की ओर आयी. वहा 12 बजे सड़क जाम कर पथ सभा की गयी. 20 मिनट के पथ सभा के बाद आंदोलन समापति हुआ.
एटक महासचिव ने कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकाली गयी थी. वे शांतिपूर्ण ढंग से एसडीओ के पास जाना चाहते थे. लेकिन पुलिस ने उनको बेरिकेट पर बेरिकेट कर रोकने का प्रयास किया. जिसे तोड पर एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. उन्होने कहा कि मजदूरो का न्यूनत्तम वेतन 18 हजार रूपये किया जाय. एएसपी, डीपीएल, डीसीएल, डीटीपीएस, एफएसएनएल तथा बर्न स्टैंर्ड कारखाना की रक्षा के लिए आंदोलन करना हो रहा है. चितरंजन रेल कारखाना को बंद होने से बचाना है. कोयलांचल में कोलियरी को बंद होने से बचाना है. प्रस्तावित एफआरडीआई बिल रद्द किया जाय.
सीटू के जिला महासचिव श्री चौधरी ने कहा कि केन्द्र में भाजपा के नेतृत्वाधीन मोदी कॉरपोरेट व सांप्रदायिक शक्तियो शोषणकारी नीतियो के कारण श्रम जीवियो का जीवन भंयकर संकट में है. वर्षो के संग्राम के बाद ट्रेड यूनियन ने श्रमिक का अधिकार पाया था. ट्रेड यूनियन ने श्रमिको की समस्या को लेक र 12 सूत्री मांगो के तहत देशव्यापी आंदोलन किया.भाजपा के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर शिल्पाचंल के सभी उद्योगों को बंद किया जा रहा है. हिंदुस्तान केबल्स जैसे केन्द्रीय उद्योग को बंद कर दिया गया.
बर्न स्टैंडर्ड कंपनी को भी बंद करने की साजिश की जा रही है. केन्द्रीय सरकार की नीतियो की देश के प्रत्येक राज्य में विरोध हो रहा है. लेकिन पश्चिम बंगाल में तृणमूल की सरकार की ओर से केन्द्रय सरकार की नीतियो का कोई विरोध नही हो रहा है. इससे साफ होता है कि दीदी भाई मोदी भाई का साथ है. इसलिए श्रमिक संगठनो को मिलकर श्रमिको के हित के लिए लडना होगा.

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