नोएडा: फ्लैट खरीदारों को लेकर प्राधिकरण हुआ सख्त, जल्द रजिस्ट्री नहीं होने पर बिल्डर्स पर होगी कार्रवाई

यूपी के ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की लापरवाही के चलते 20 बिल्डर प्रोजेक्टों के लगभग 4000 फ्लैट्स के खरीदार दरबदर भटकने को मजबूर हैं. इन खरीदारों के नाम प्रोजेक्ट के फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही है. जबकि बिल्डरों की तरफ से इन फ्लैट्स के एवज में प्राधिकरण का बकाया भुगतान कर दिया गया है.

By Sandeep kumar | May 12, 2023 7:58 AM

Noida : यूपी के ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों की लापरवाही के चलते 20 बिल्डर प्रोजेक्टों के लगभग 4000 फ्लैट्स के खरीदार दरबदर भटकने को मजबूर हैं. इन खरीदारों के नाम प्रोजेक्ट के फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं करवाई जा रही है. जबकि बिल्डरों की तरफ से इन फ्लैट्स के एवज में प्राधिकरण का बकाया भुगतान कर दिया गया है. प्राधिकरण की तरफ से भी इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री के लिए स्वीकृति दे दी गई है, फिर भी रजिस्ट्री न होने से खरीदार इन फ्लैट्स का मालिकाना हक पाने से वंचित हैं.

प्राधिकरण के कार्यालय में लगाया गया था शिविर

प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री के लिए प्राधिकरण दफ्तर में लगातार शिविर भी लगाया गया. इसके बावजूद कई बिल्डरों ने फ्लैट्स की रजिस्ट्री में कोई दिलचस्पी नहीं ली. इसके चलते अब प्राधिकरण ने खरीदारों को इसकी जानकारी देने के लिए प्रोजेक्टवार सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित की है, साथ ही वेबसाइट पर भी अपलोड करा दी है. प्राधिकरण ने इन बिल्डरों को चेतावनी दी है कि अगर इन फ्लैट्स के खरीदारों के नाम शीघ्र रजिस्ट्री नहीं कराई तो आवंटन या लीजडीड की शर्तों और रेरा के प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

बिल्डरों के लापरवाही पर प्राधिकरण हुआ सख्त

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव ने बताया कि मौजूदा समय में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से करीब 20 बिल्डर परियोजनाओं के 4000 फ्लैट्स के लिए भवन व टावर वाइज कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र और सबलीज डीड या रजिस्ट्री कराने की अनुमति दी गई है, लेकिन बिल्डर खरीदारों के नाम रजिस्ट्री नहीं कर रहे, जबकि खरीदारों की सुविधा को देखते हुए सीईओ रितु माहेश्वरी की पहल पर प्राधिकरण दफ्तर परिसर में रजिस्ट्री के लिए नियमित रूप से शिविर भी लगाया जा रहा है.

सार्वजनिक सूचना के जरिए दी गई जानकारी

खरीदारों तक इन फ्लैट्स के बारे में जानकारी पहुंचाने के लिए अब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से परियोजनावार सार्वजनिक सूचना भी प्रकाशित कराई गई है. इसके साथ ही वेबसाइट पर भी अपलोड कराई गई है. प्राधिकरण की तरफ से इन बिल्डरों को चेतावनी दी है कि अगर इन फ्लैट्स की खरीदारों के नाम शीघ्र रजिस्ट्री नहीं कराई तो आवंटन व लीजडीड की शर्तों और रेरा के प्रावधानों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

खरीदारों को हक दिलाने की हर संभव कोशिश- सीईओ रितु माहेश्वरी

प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि खरीदारों को उनका हक दिलाने के लिए प्राधिकरण हर संभव प्रयास कर रहा है. उन्होंने खरीदारों से भी अपील की है कि जिन परियोजनाओं को कार्यपूर्ति प्रमाणपत्र और रजिस्ट्री कर दी गई है अगर उनमें उनके फ्लैट हैं तो बिल्डर पर दबाव डालकर उसकी रजिस्ट्री तत्काल कराने की कोशिश करें.

20 बिल्डर परियोजनाओं के 4000 फ्लैट्स की होनी है रजिस्ट्री

आपको बता दें कि 20 बिल्डर परियोजनाओं के 4000 फ्लैट्स की रजिस्ट्री होनी है. जिसमें सेलरिस रियलटेक, एसजेपी होटल्स एंड रिसोर्ट्स, नंदी इंफ्राटेक, बेल्ग्राविया प्रोजेक्ट्स, रतन बिल्डटेक, स्टारसिटी रियल स्टेट, सैम इंडिया अभिमन्यु हाउसिंग, निराला इंफ्राटेक, सोलिटियर इंफ्राहोम, एंथम इंफ्रास्ट्रक्चर, पिजन बिल्डहोम, न्यूवे होम्स, एमआई बिल्डर, स्टार लैंडक्राफ्ट, एंगल इंफ्रा हाइट, फ्यूजन बिल्डटेक, इंटाइसमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, पंचषील बिल्डटेक, महालक्ष्मी इफ्राहोम और कामरूप इंफ्राबिल्ड शामिल हैं.

Next Article

Exit mobile version