नमामि गंगे: यूपी की प्रमुख नदियों का पानी हुआ निर्मल, मिला नया जीवन

गंगा-यमुना में घटा प्रदूषण, सरयू का पानी भी हो रहा निर्मल, एक साल में गंगा, यमुना, रामगंगा, सरयू में गिरने वाले 72 नाले किए गए टैप, वाराणसी में रमना में 50 एमएलडी, रामनगर में 10 एमएलडी, अयोध्या में 12 एमएलडी, मथुरा में 30 एमएलडी, वृंदावन में 04 एमएलडी, कासगंज में 15 एमएलडी का एसटीपी बनकर तैयार

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2021 10:55 AM

Lucknow News: नमामि गंगे परियोजना से प्रदेश की जीवनदायनी नदियों का स्वरूप बदल दिया है. कानपुर और वाराणसी में गंगा, अयोध्या में सरयू और मथुरा-वृंदावन में यमुना प्रदूषण मुक्त की जा रही हैं. इन नदियों में गिरने वाले नालों को टैप कर दिया गया है. इनका पानी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लान) से शोधित करके पानी को नदियों में डाला जा रहा है.

प्रमुख शहरों के 37 नालों को नदी में गिरने से रोका गया है. इनके किनारों पर नए एसटीपी बन गये हैं. इनमें नालों के सीवेज को आईएण्डडी विधि से टैप कर शोधित किया जा रह है. इस कवायद का असर वाराणसी में दिखाई देने लगा है. यहां 161.31 करोड़ की लागत से रमना में 50 एमएलडी का नया एसटीपी तैयार हो चुका है. जिसमें गंगा नदी में गिरने वाले तीन नालों के पानी को एसटीपी में ट्रीटमेंट कर शोधित किया जा रहा है.

नमामि गंगे (namami gange) ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि मथुरा-वृंदावन में यमुना नदी को भी प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 460.45 करोड़ की लागत से 20 नालों को टैप और 30 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण किया जा रहा है. वृंदावन में 42.82 करोड़ की लागत से पांच नालों को टैप करने के साथ-साथ 04 एमएलडी के एसटीपी के नवीनीकरण और उच्चीकरण का कार्य पूरा कर लिया गया है.

बीते एक वर्ष में गंगा व उसकी सहायक नदियां, यमुना, रामगंगा और सरयू में गिरने वाले 72 नाले टैप किये गये हैं. खासतौर पर वो बड़े महानगर जहां से गंगा, यमुना और सरयू नदियां गुजरती हैं. वहां नालों को टैप करने के साथ-साथ नए एसटीपी शुरू किए जा रहे हैं.

अयोध्या में सरयू में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा रहा है. यहां 37.67 करोड़ की लागत से 05 नालों को टैप किया गया है. साथ में 12 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण कार्य भी पूरा कर लिया गया है.

कानपुर के बिठूर में 13.40 करोड़ की लागत से 07 नालों को टैप किया गया है. इससे गंगा नदी का प्रदूषण अब खात्मे की ओर है. 430.49 करोड़ की सीवरेज योजना से 106.67 किमी. सीवर लाइनों को बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है. 10350 सीवर हाउस कनेक्शन किये गये हैं. गंगा नदी में 182 किमी. लम्बाई में गाद निकालने का काम पूरा कर लिया गया है.

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