Mahaveer Jayanti 2023: लखनऊ में प्रभात फेरी निकालकर मनायी जाएगी महावीर जयंती, शहर में भव्य आयोजन की तैयारी

Mahaveer Jayanti 2023: महावीर जयंती 4 अप्रैल दिन मंगलवार को मनायी जाएगी. इस दिन राजधानी के जैन मंदिरों में सुबह 6 बजे से प्रभात फेरी के साथ पूरे दिन पूजा-अर्चना का दौर चलता रहेगा. शहर में प्रभात फेरी निकाली जाएगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2023 4:40 PM

Mahaveer Jayanti 2023 Date: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कल महावीर जयंती मनायी जाएगी. इसे लेकर सभी जैन मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गयी है. महावीर जयंती हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनायी जाती है. इस दिन जैन धर्म के लोग 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाते हैं. इस साल महावीर जयंती 4 अप्रैल दिन मंगलवार को मनायी जाएगी. इस दिन राजधानी के जैन मंदिरों में सुबह 6 बजे से प्रभात फेरी के साथ पूरे दिन पूजा-अर्चना का दौर चलता रहेगा. शहर में प्रभात फेरी निकालकर भगवान महावीर के संदेश अहिंसा परोमोधर्म एवं जीयो और जिने दो को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. इसके साथ ही वातावरण को अहिंसामय बनाने का संदेश दिया जाएगा.

भगवान महावीर का मनाया जाएगा 2621वां जन्मदिवस

अभिषेक जैन ने बताया कि इस साल 2023 में महावीर जयंती 4 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान महावीर का 2621वां जन्मदिवस मनाया जाएगा. चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 03 अप्रैल 2023 को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 04 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि 04 अप्रैल को प्राप्त हो रही है, इसलिए 04 अप्रैल को ही महावीर जयंती मनाई जाएगी.

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महावीर जयंती पर कैसे होती है पूजा

जैन धर्म के लोग 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्मोत्सव मनाते हैं. मान्यता है कि भगवान महावीर करीब 599 ईसा पूर्व बिहार के कुंडलपुर के राज घराने में जन्में थे. इनका बचपन का नाम वर्धमान था. 30 साल की उम्र में इन्होंने राजपाट त्यागकर संन्यास धारण कर लिया था और आध्यात्म की राह पर चल दिए. जैन धर्म की मान्यता है कि 12 साल के कठोर मौन तप के बाद भगवान महावीर ने अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली. निडर, सहनशील और अहिंसक होने के कारण उनका नाम महावीर पड़ा. 72 साल की उम्र में उन्हें पावापुरी से मोक्ष प्राप्ति हुई. महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग प्रभातफेरी, अनुष्ठान, शोभायात्रा निकलाते हैं. फिर महावीर जी की मूर्ति का सोने और चांदी के कलश जलाभिषेक किया जाता है.

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