सपा-बसपा गठबंधन से होगा भाजपा को नुकसान होगा : अठावले, कहा- मायावती को है दलितों की चिंता, तो बनें राजग का हिस्सा

लखनऊ : लोकसभा के आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने के भाजपा के मंसूबों के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि सपा और बसपा के गठबंधन से पार्टी को 25 से 30 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. अठावले ने बसपा प्रमुख […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 30, 2018 4:53 PM

लखनऊ : लोकसभा के आगामी चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटें जीतने के भाजपा के मंसूबों के बीच केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने शुक्रवार को कहा कि सपा और बसपा के गठबंधन से पार्टी को 25 से 30 सीटों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. अठावले ने बसपा प्रमुख मायावती को भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल होने का न्योता देते हुए कहा कि अगर मायावती को दलितों की वाकई चिंता है, तो उन्हें राजग का हिस्सा बन जाना चाहिए.

रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष अठावले ने माना, ‘‘सपा और बसपा के साथ आने से हमारा नुकसान होगा. गठबंधन को अगले लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में 25 से 30 सीटें मिल सकती हैं, जबकि भाजपा को 50 से ज्यादा सीटें मिलेंगी. उत्तर प्रदेश में भाजपा की जो 25-30 सीटें कम हो जायेंगी, लेकिन बाकी के राज्यों में भाजपा बढ़त बना लेगी. टीडीपी ने भले ही हमारा साथ छोड़ दिया है, लेकिन एआईएडीएमके हमारे साथ आ सकती है.’ उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में होने वाले नुकसान का आगामी लोकसभा चुनाव के बाद राजग की सरकार बनने की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. नरेंद्र मोदी फिर प्रधानमंत्री जरूर बनेंगे. भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने के मंसूबे तैयार कर रही है. ऐसे में अठावले का यह बयान महत्वपूर्ण है.

आरपीआई अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कुछ लोगों का कहना है कि नरेंद्र मोदी आजकल कुछ ‘डाउन‘ हो गये हैं, लेकिन कौन ‘अप‘ हो रहा है, यह नहीं दिखायी देता. जब तक कोई ‘अप’ नहीं हो रहा है, तब तक इन बातों का कोई मतलब नहीं है.’ अठावले ने कहा कि वह चाहते हैं कि मायावती राजग में शामिल हो जाएं. बसपा मुखिया अगर दलितों का हित चाहती हैं, तो उन्हें राजग में आ जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘तब वह मायावती और रामविलास पासवान के साथ मिलकर केंद्र सरकार से दलितों के कल्याण के लिए ज्यादा धन ले सकेंगे.’

उन्होंने कहा कि बसपा की मदद से गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव जीतने वाली सपा ने हाल में हुए राज्यसभा चुनाव में बसपा के साथ धोखा किया, जिसकी वजह से उसका प्रत्याशी हार गया. आरपीआई अध्यक्ष ने माना कि उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन से लोकसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान होगा. गठबंधन को 20 से 25 सीटें मिलेंगी, जबकि भाजपा को 50 से अधिक सीटें हासिल होंगी. मगर इससे केंद्र में भाजपा की दोबारा सरकार बनने की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला ना तो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कर सकते हैं और ना ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा मुखिया मायावती.

उन्होंने कहा कि देश में दलितों पर अत्याचार अब भी हो रहे हैं, मगर इसके लिए केंद्र की भाजपानीत सरकार जिम्मेदार नहीं है. कांग्रेस, सपा और बसपा के शासन में भी दलितों पर अत्याचार होते थे. कांग्रेस के शासन में भी गोरक्षा के नाम पर दलित उत्पीड़न की घटनाएं हुईं. इस मुद्दे को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. दलितों पर जुल्म को रोकने के लिए दलित अत्याचार रोधी कानून को और मजबूत करना चाहिए.

अठावले ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा सरकारी रिकॉर्ड में आंबेडकर का नाम ‘भीमराव रामजी आंबेडकर‘ किये जाने के कदम की सराहना करते हुए कुछ लोग इसमें प्रभु राम का नाम जुड़ने पर टीका-टिप्पणी कर रहे हैं, जो बिल्कुल गलत है. उन्होंने अति दलितों और अति पिछड़ों को अलग कोटा दिये जाने पर विचार संबंधी मुख्यमंत्री योगी के बयान का भी स्वागत किया.

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