खतरे में एनडीए! यूपी के मंत्री राजभर ने योगी सरकार पर बोला हमला, तो भाजपा ने कही यह बात

लखनऊ : एक साल नयी मिसाल के स्लोगन के साथ अपनी पहली वर्षगांठ मना रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. सहयोगी दल के एक मंत्री ने गठबंधन धर्म के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर वार किया, तो सत्तारूढ़ दल के एक मंत्री ने उन्हें अपनी हद बताने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 19, 2018 11:08 AM

लखनऊ : एक साल नयी मिसाल के स्लोगन के साथ अपनी पहली वर्षगांठ मना रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है. सहयोगी दल के एक मंत्री ने गठबंधन धर्म के नाम पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर वार किया, तो सत्तारूढ़ दल के एक मंत्री ने उन्हें अपनी हद बताने में देर नहीं की. लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा की हार के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया. उन्होंने भाजपा नेताओं को सत्ता के मद में चूर बताया. यहां तक कह दिया कि योगी सरकार ने गरीबों के लिए कुछ नहीं किया. सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें होती हैं. इस पर भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने उन्हें उनकी हद याद दिलायी.

राजभर के बयान पर भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि राजभर योगी की कैबिनेट में मंत्री हैं और भाजपा के साथ गठबंधन में हैं. यदि उन्हें कोई समस्या है, तो उसे कैबिनेट में रखना चाहिए, न कि जनता के बीच. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में रहते हुए आप सरकार की इस तरह से आलोचना नहीं कर सकते. दोनों चीजें साथ-साथ नहीं चल सकतीं.

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सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि कभी उत्तर प्रदेश में गुंडाराज, लोड शेडिंग (बिजली की कटौती), परीक्षा में नकल, स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव सुर्खियां बनती थीं. सत्ता में आने के एक साल के भीतर भाजपा सरकार ने अपराध को नियंत्रित किया, परीक्षा में नकल रोकने के लिए कदम उठाये. स्वास्थ्य सेवाएं भी बेहतर हुई हैं. उत्तर प्रदेश आज विकास के पथ पर अग्रसर है.

ज्ञात हो कि राजभर ने 24 घंटे में दूसरी बार सरकार पर वार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का सारा ध्यान सिर्फ मंदिर पर है. गरीबों के कल्याण पर उसका बिल्कुल ध्यान नहीं है. उन्होंने कहा कि जिन गरीबों ने उन्हें वोट देकर सत्ता पर बिठाया, उसके बारे में सरकार कुछ नहीं सोच रही. बातें बहुत होती हैं, लेकिन जमीनी तौर पर बहुत कम काम हुआ है. कहा, ‘हां, हम सरकार और एनडीए का अंग हैं, लेकिन भाजपा गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है. मैंने कई बार अपनी चिंता व्यक्त की है, लेकिन ये लोग 325 सीट के नशे में पागल होकर घूम रहे हैं.’

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रविवार को ही उन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन करने के सवाल पर भी कई बड़ी बातें कहीं थीं. तब उन्होंने कहा था, ‘हालांकि हम अभी भाजपा के साथ गठबंधन में हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या भाजपा ने राज्यसभा और गोरखपुर तथा फूलपुर लोकसभा सीटों के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी तय करने से पहले हमसे कोई सलाह ली थी?’

प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राजभर ने इस सवाल पर कि क्या उनकी पार्टी के विधायक क्रॉस वोटिंग करेंगे, उन्होंने कहा कि हम भाजपा के साथ गठबंधन में हैं. अगर वह गठबंधन धर्म नहीं निभाती है, तो क्या हमें उसके साथ जाना चाहिए? राजभर ने कहा कि गोरखपुर में हाल में हुए लोकसभा उपचुनाव में उनकी पार्टी भाजपा को कम से कम 30,000 वोट दिलवा सकती थी, लेकिन ऐसा लगता है कि भाजपा की नजर में हमारी कोई उपयोगिता नहीं है.

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राजभर ने कहा कि भाजपा ने नगरीय निकाय चुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े किये, लेकिन क्या तब उसने गठबंधन धर्म निभाया? यहां तक कि लोकसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने अपने सहयोगी दलों से यह नहीं पूछा कि उपचुनाव में उनकी क्या भूमिका होगी?

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