कानपुर में 9 मई को अखिलेश और योगी होंगे आमने-सामने, जनसभा के साथ होगा रोड शो…

कानपुर में नौ मई को सीएम योगी आदित्यनाथ किदवई नगर स्थित कॉमर्शियल मैदान में जनसभा करेंगे. रवि किशन पूर्वांचल वोटों में सेंधमारी करने के लिए गोविंद नगर और नवाबगंज में रोड शो करेंगे.

By Radheshyam Kushwaha | May 7, 2023 2:57 PM

कानपुर. उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के दूसरे चरण पर कानपुर में 11 मई को मतदान होगा. ऐसे में 9 मई की शाम को चुनाव प्रचार थम जाएगा. उसी दिन कानपुर में निकाय चुनाव जीतने के लिए स्टार प्रचारकों की झड़ी लगेगी. 8 और 9 मई को सबसे ज्यादा स्टार प्रचारक शहर में मतदाताओं को लुभाने आ रहे है. प्रचार के लिए सिर्फ रविवार, सोमवार और मंगलवार का दिन बचा है. हर प्रत्याशी ताकत झोंक रहा है.

स्टार प्रचारकों के कार्यक्रम का शेड्यूल

बता दें कि कानपुर में नौ मई को सीएम योगी आदित्यनाथ किदवई नगर स्थित कॉमर्शियल मैदान में जनसभा करेंगे. रवि किशन पूर्वांचल वोटों में सेंधमारी करने के लिए गोविंद नगर और नवाबगंज में रोड शो करेंगे. सांसद डिंपल यादव आठ को तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नौ मई को आएंगे. वहीं शिवपाल यादव के नौ को कई इलाकों में रोड शो की उम्मीद है. इसके साथ ही कांग्रेस महापौर प्रत्याशी आशनी अवस्थी ने प्रियंका गांधी, प्रमोद तिवारी और इमरान प्रतापढ़ी की सभा की मांग की है. उनके भी नौ मई को आने की उम्मीद है.

प्रचार और सभा की मिल रही अनुमति

एडीएम सिटी अतुल कुमार के मुताबिक प्रचार अंतिम चरण में है. लगातार सभी दल के प्रतिनिधि सभा और रोड शो के लिए अनुमति मांग रहे है. राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में अनुमति दी जा रही है. पहले रिपोर्ट व प्रार्थना-पत्र जिसका आ गया उसे पहले अनुमति दी जाएगी.

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जनसभा रोड शो पर पैनी नजर

निकाय चुनाव का प्रचार अंतिम दौर में है. कहीं भी अशांति की आशंका न हो, इसके लिए पूरे जिले में अलर्ट जारी किया गया है. हर बड़ी जनसभा व रोड शो में पुलिस-प्रशासन से लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की पैनी नजर है. अफसरों के मुताबिक तरह-तरह के वीडियो वायरल हो रहे हैं. ऐसे में हुए राज्य निर्वाचन आयोग पहले से ही अलर्ट मोड में आ गया है. हर प्रत्याशी के साथ ही उनके करीबियों की भी निगरानी हो रही है. खुफिया व एलआईयू भी सक्रिय है. हर छोटी-बड़ी बातों का ध्यान रखा जा रहा है. इसके साथ ही सोशल मीडिया में भी तरह-तरह के मैसेज और संदेश भेजे जा रहे हैं. किसी भी तरह के भड़काऊ संदेशों से बचने के लिए अफसरों ने इसकी निगरानी भी शुरू कर दी है.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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