Jamiat Ulema E Hind: यह मुल्क हमारा है और हम कहीं नहीं जाएंगे…जलसे में भड़के मौलाना महमूद मदनी

Jamiat Ulema E Hind: देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दूसरे और अंतिम दिन मौलाना और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन में कॉमन सिविल कोड, ज्ञानवापी और मथुरा ईदगाह सहित कई मुद्दों पर अहम प्रस्ताव पास हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना महमूद मदनी ने की.

By Prabhat Khabar | May 29, 2022 12:51 PM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दूसरे और अंतिम दिन मौलाना और मुस्लिम बुद्धिजीवियों के सम्मेलन का आयोजन किया. सम्मेलन में कॉमन सिविल कोड, ज्ञानवापी और मथुरा ईदगाह सहित कई मुद्दों पर अहम प्रस्ताव पास हुए. कार्यक्रम की अध्यक्षता मौलाना महमूद मदनी ने की.

हमारे वजूद पर सवाल खड़े हो रहे हैं- मौलाना महमूद मदनी

मौलाना महमूद मदनी ने जलसे में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, परेशान होने की जरूयत नहीं है. हौसला रखने की जरूरत है.10 साल से सब्र ही कर रहे हैं. मुझसे अक्सर पूछा कहा जाता है कि जहर उगल रहे हैं. मैंने उससे पूछा की जो जहर उगल रहे हैं उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने कहा कि, हमारे वजूद पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हम अल्पसंख्यक नहीं हैं. बल्कि इस मुल्क के दूसरे बहुसंख्यक हैं

कॉमन सिविल कोड के खिलाफ प्रस्ताव पास

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के सम्मेलन में कहा गया कि, कोई मुसलमान इस्लामी क़ायदे क़ानून में किसी भी दख़ल को स्वीकार नहीं करता. इसीलिए भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों के तहत यह बुनियादी हक़ दिया गया है कि देश के हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की पूरी आजादी होगी. सम्मेलन में कहा गया कि, हम सरकार से मांग करते हैं कि भारत के संविधान की इस मूल विशेषता और इस गारंटी को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ की सुरक्षा के संबंध में एक स्पष्ट निर्देश जारी किया जाए. यदि कोई सरकार समान नागरिक संहिता को लागू करने की ग़लती करती है, तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से कहा गया कि, शरीअत में दखलंदाजी तब शुरू होती है, जब मुसलमान खुद शरीअत पर अमल नहीं करते. अगर मुसलमान शरीअत के प्रावधानों को अपनी ज़िंदगी में लाने की कोशिश करेंगे, इस पर अमल करेंगे तो कोई कानून उन्हें शरीअत पर अमल करने से नहीं रोक पाएगा. सम्मेलन में मुसलमानों से इस्लामी शरीअत पर जमे रहने की अपील की गई. साथ ही धैर्य बनाए रखने के लिए कहा गया.

वहीं इस जलसे में जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि, देश में नकारात्मक राजनीति करने की हर संभव कोशिश की जा रही है. मंदिर-मस्जिद के विवाद से देश की शांति को नुकसान होगा. सबको साथ लेकर चलने से ही राष्ट्र निर्माण होगा. उन्होंने कहा कि, मुसलमान इस देश के गैर नहीं हैं. वे मुल्क के लिए जान लगाने को तैयार हैं. आज हमारे वजूद का सवाल है. जो लोग हमसे पाकिस्तान जाने की बात करते हैं. जिसको शौक है, वो चला जाए. ये हमारा मुल्क है. और हम कहीं नहीं जाएंगे. इस दौरान मदनी ने कॉमन सिविल कोड को गैर संवैधानिक करार दिया.

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