आंध्र प्रदेश की तर्ज पर काम करेंगे UP के 15 हजार अंग्रेजी माध्यम स्कूल, सुधरेगी शिक्षा की गुणवत्ता

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में फैले लगभग 15,000 अंग्रेजी माध्यम स्कूल (English Medium School) अब आंध्र प्रदेश के सरकारी स्कूलों सें सीखेंगे कि किस तरह से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar | August 15, 2022 1:22 PM

Lucknow News: अब उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में फैले लगभग 15,000 अंग्रेजी माध्यम स्कूल (English Medium School) हैं, जिन्हें सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है. ऐसे में अब प्रदेश के सभी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय आंध्र प्रदेश सरकार सें सीखेंगे कि किस तरह से बेहतर कामकाज किया जा सकता है. इन स्कूलों में पढ़ाने से लेकर गुणवत्ता तक में कई सुधार किए जाएंगे.

दो सदस्यीय टीम ने स्कूलों का किया दौरा

उत्तर प्रदेश में महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद के निर्देश पर, प्रयागराज स्थित अंग्रेजी भाषा शिक्षण संस्थान (ELTI), यूपी की दो सदस्यीय टीम विजय किरण आनंद ने एपी-एनटीआर और कृष्णा के दो जिलों का दौरा पूरा किया है. आंध्र प्रदेश में स्कूलों और शिक्षकों के प्रशिक्षण परिदृश्य का अध्ययन किया. राज्य के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि टीम अब यूपी के स्कूलों के लिए संभावित बदलाव करने का सुझाव देगी, ताकि पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके.

एनटीआर और कृष्णा जिले के कई स्कूलों का किया दौरा

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के सभी 44,512 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को लगभग तीन साल पहले अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में बदल दिया गया था. इस दौरान ईएलटीआई के प्रिंसिपल स्कंद शुक्ला और लेक्चरर कुलदीप पांडे की दो सदस्यीय टीम ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और राज्य शैक्षिक अनुसंधान परिषद के अलावा एनटीआर जिले और कृष्णा जिले के ग्रामीण इलाकों में स्थित आधा दर्जन से अधिक स्कूलों का दौरा किया.

तेलुगु और अंग्रेजी में द्विभाषी किताबें

ईएलटीआई स्कंद शुक्ला के प्रिंसिपल ने बताया कि, आंध्र प्रदेश के स्कूलों की कुछ दिलचस्प विशेषताएं भी बताईं, उन्होंने बताया कि, उनके पास तेलुगु और अंग्रेजी में द्विभाषी किताबें हैं. अधिकांश स्कूलों को कक्षा 1-5 और कक्षा 6-10 के रूप में संरचित किया गया है, जबकि हमारे पास प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तरों पर क्रमशः कक्षा 1-5 और कक्षा 6-8 के रूप में संरचित स्कूल हैं. हर दो महीने में बच्चों का फॉर्मेटिव असेसमेंट और हर छह महीने में एक बार समेटिव असेसमेंट भी होता है.

शिक्षकों को ऐसे किया जाता है प्रशिक्षित

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश में, हर स्कूल में शिक्षक की क्षमता हर साल निर्धारित की जाती है और छात्रों की संख्या पर आधारित होती है. कक्षा 6-10 वाले विद्यालयों में विषयवार शिक्षकों का चयन किया जाता है. ट्रांसफर और पोस्टिंग बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के पूरी तरह से ऑनलाइन हैं. सभी कक्षा 1-5 स्कूलों में स्मार्ट टीवी और इंटरेक्टिव पैनल दिए जाने का प्रस्ताव है. वहां के शिक्षकों को कैस्केड और ऑनलाइन मोड दोनों में प्रशिक्षित (trained) किया जाता है.

‘नाडु-नेदु’ पहल से सुधर रही शिक्षा व्यवस्था

आंध्र प्रदेश में ‘नाडु-नेदु’ (Nadu-Nedu) पहल की जा रही है. नाडु-नेडु को 2019-20 से शुरू होने वाले तीन साल की अवधि में बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और मिशन मोड में स्कूलों के मौजूदा बुनियादी ढांचे को चरणबद्ध तरीके से बदलना है. ‘नाडु-नेदु’ कार्यक्रम के तहत, नौ बुनियादी ढांचे के घटकों को शामिल किया गया है, जिसमें बहते पानी के साथ शौचालय, पेयजल आपूर्ति, बड़ी और छोटी मरम्मत के अलावा पंखे और ट्यूबलाइट के साथ विद्युतीकरण, छात्रों और कर्मचारियों के लिए फर्नीचर, ग्रीन चॉकबोर्ड, स्कूल की पेंटिंग शामिल हैं.

स्कंद शुक्ला ने बताया कि, दौरे के दौरान हमने इन स्कूलों के शिक्षकों, शिक्षा विभाग के अधिकारियों और एससीईआरटी के अधिकारियों के साथ बातचीत की. अब संभावित हस्तक्षेप पर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है और उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कुछ पहलों के संभावित कार्यान्वयन के लिए डीजी (स्कूल शिक्षा) को प्रस्तुत की जाएगी.

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