ओडिशा : केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 15-18 लोकसभा सीटें जीतने का किया दावा

धर्मेंद्र प्रधान ने कहा 2019 में वोट प्रतिशत बढ़कर 38 फीसदी हो गया और भाजपा ने आठ लोकसभा सीट जीती. उन्होंने कहा बीजेपी लोकसभा चुनाव में पहले से अच्छा प्रदर्शन करेंगे.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 28, 2024 12:07 AM

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता के मामले में ओडिशा ‘सबसे अव्वल’ है. प्रधान ने यह भी कहा कि मोदी ओडिशा के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और केंद्र सरकार ने पिछले 10 वर्षों के दौरान राज्य को 18 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि हम मानते हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और स्वीकार्यता की बात आती है, तो ओडिशा देश का नंबर एक राज्य है. विभिन्न सर्वेक्षणों और आकलनों से पता चलता है कि ओडिशा में प्रधानमंत्री की स्वीकार्यता 85 से 90 प्रतिशत के बीच है. उन्होंने विश्वास जताया कि भाजपा आगामी चुनावों के दौरान राज्य की 21 में से 15-18 लोकसभा सीट जीतेगी. उन्होंने कहा कि 2014 में ओडिशा में भाजपा का मत प्रतिशत सिर्फ 22 फीसदी था और पार्टी ने सिर्फ एक लोकसभा सीट जीती थी. 2019 में वोट प्रतिशत बढ़कर 38 फीसदी हो गया और भाजपा ने आठ लोकसभा सीट जीती.


पूर्व विधायक पूर्ण चंद्र सेठी ने बीजद से दिया इस्तीफा

पूर्व विधायक पूर्ण चंद्र सेठी ने ओडिशा में विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले सोमवार को सत्तारूढ़ बीजू जनता दल से इस्तीफा दे दिया. पूर्ण चंद्र सेठी 2009 से 2019 तक गंजाम जिले की खलीकोट विधानसभा सीट से दो बार विधायक निर्वाचित हुए. उन्होंने अपना इस्तीफा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को भेजा. पूर्व विधायक ने प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ पार्टी की राज्य परिषद से भी इस्तीफा दे दिया. सेठी ने आरोप लगाया कि पार्टी के भीतर उनकी उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा कि उन्हें 2019 में पार्टी का टिकट नहीं दिया गया था, लेकिन उन्होंने पार्टी उम्मीदवार सूर्यमणि वैद्य के लिए प्रचार किया था, जिन्होंने चुनाव में जीत दर्ज की थी. सेठी का इस्तीफा बीजद के छह बार के सांसद भर्तृहरि महताब के पार्टी छोड़ने के कुछ दिन बाद सामने आया है. महताब ने भी उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया था. इसके अलावा बीजद के जयदेव निर्वाचन क्षेत्र और तेलकोई विधानसभा सीट से विधायक क्रमशः अरबिंद धाली व प्रेमानंद नाई ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये.

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