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हनुमान वाटिका : देश की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा देखने उमड़ती है भीड़, मंदिरों का कॉम्प्लेक्स करता है आकर्षित

यहां 74 फीट 9 इंच ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा का निर्माण किया गया. 23 फरवरी, 1994 को आधुनिक ओडिशा के निर्माता कलिंग वीर बीजू पटनायक ने इसका अनावरण किया. हालांकि, अब इस प्रतिमा ने सबसे ऊंची प्रतिमा का दर्जा खो दिया है.

ओडिशा के प्रमुख पर्यटन स्थलों में सुंदरगढ़ जिले के वेदव्यास, वैष्णो देवी मंदिर के साथ हनुमान वाटिका का नाम भी शामिल है. हनुमान वाटिका में 74 फीट 9 इंच ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र हैं. खास बात यह है कि हनुमान वाटिका में देश के प्रख्यात मंदिरों के ढांचे में ही 21 मंदिरों का निर्माण किया गया है और देवी-देवताओं की पूजा की जा रही है. रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना के साथ इस वाटिया के सौंदर्य का आनंद लेते हैं. राउरकेला में हनुमान वाटिका को पर्यटन स्थल का रूप देने की परिकल्पना 1992 में की गयी थी. तब से इसका निर्माण शुरू किया गया. करीब 13 एकड़ क्षेत्र में देश के प्रमुख मंदिरों को उसी अनुरूप बनाने व देवी-देवताओं की पूजा करने का अवसर भक्तों को देने के साथ-साथ यहां पर्यटकों को हर तरह की सुविधा देने की योजना बनी. यहां 74 फीट 9 इंच ऊंची हनुमानजी की प्रतिमा का निर्माण किया गया. 23 फरवरी, 1994 को आधुनिक ओडिशा के निर्माता कलिंग वीर बीजू पटनायक ने इसका अनावरण किया. हालांकि, अब इस प्रतिमा ने सबसे ऊंची प्रतिमा का दर्जा खो दिया है. जून 2003 में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में 134 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा का निर्माण किया गया है.

शांत माहौल में समय गुजारते हैं लोग

हनुमान वाटिका राउरकेला में सोमनाथ मंदिर, पार्वती मंदिर, मां वैष्णो देवी मंदिर, दुर्गा माता, संतोषी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, साईं मंदिर, चर्चिका मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, मां विमला मंदिर, गणेश मंदिर, परशुराम मंदिर, समलेश्वरी मंदिर, मां काली मंदिर, द्वादश शिवलिग मंदिर, लक्ष्मी मंदिर, शारला मंदिर, श्रीराम मंदिर, हनुमान मंदिर समेत कुल 21 मंदिर देश के प्रख्यात मंदिरों की तरह तैयार किये गये हैं. जय हनुमान समिति चैरिटेबल ट्रस्ट की देखरेख में मंदिरों में पूजा-अर्चना की जाती है. सुबह से देर शाम तक यहां भक्तों का आना-जाना जारी रहता है. लोग परिवार के साथ यहां शांतिपूर्ण माहौल में समय गुजारते हैं.

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पुरी जगन्नाथ मंदिर की तरह मिलता है प्रसाद

मंदिर प्रबंधन की ओर से हनुमान वाटिका में भी ओडिशा के पुरी स्थित प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ मंदिर की तरह अबड़ा भोग का प्रबंध किया गया है. रोजाना सुलभ दर पर कूपन लेकर भगवान का प्रसाद प्राप्त करना होता है. पंक्ति में बैठ कर भक्त दोपहर के समय चावल, दाल, बेसर, खीर, चटनी आदि प्रसाद का सेवन कर सकते हैं. कूपन के जरिये घर के लिए भी प्रसाद लिया जा सकता है. प्रसाद का स्वाद भी पुरी के प्रसाद के समान होने के कारण भक्तों द्वारा इसे काफी पसंद किया जाता है. यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए भी सुलभ दर पर कमरे उपलब्ध हैं. शादी-विवाह एवं अन्य धार्मिक कार्यक्रम के लिए कल्याण मंडप का भी निर्माण कराया गया है.

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