सोनू सूद ने की मजदूरों की मदद, शिवसेना ने कसा तंज- लॉकडाउन में एक नया महात्मा तैयार हो गया

कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के लिए किए गए सोनू सूद के कामों पर होने वाली उनकी तारीफ शिवसेना नेता संजय राउत को रास नहीं आयी. उन्होंने 'सामना' में अपने लेख में इस पर सवाल उठाए हैं. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखा है, लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद नामक एक नये महात्मा प्रकट हुए हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 7, 2020 2:37 PM

कोरोनावायरस संकट और लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों के लिए किए गए सोनू सूद के कामों पर होने वाली उनकी तारीफ शिवसेना नेता संजय राउत को रास नहीं आयी. उन्होंने ‘सामना’ में अपने लेख में इस पर सवाल उठाए हैं. राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है, लॉकडाउन के दौरान सोनू सूद नामक एक नये महात्मा प्रकट हुए हैं.

लॉकडाउन में प्रवासियों की मदद को लेकर एक तरफ जहां पूरा देश जहां सोनू सूद की दरियादिली का कायल हो गया है, वहीं शिवसेना उनकी ‘सेवा’ को भी राजनीतिक चश्मे से देखने में लगी है. संजय राउत ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और मुंबई के सेलिब्रिटी मैनेजर बन जाएंगे.

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लॉकडाउन में अभिनेता को बसें कहां से मिल रही हैं?

‘सामना’ में आगे लिखा है कि सूद के इन कार्यों से ऐसा लगता है कि राज्य और केंद्र सरकार प्रवासी कामगारों के लिए कुछ भी करने में विफल रही है और केवल सूद ही थे जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों की उनके घर पहुंचने में मदद की. शिवसेना नेता ने यह सवाल भी उठाया कि लॉकडाउन में अभिनेता को बसें कहां से मिल रही हैं?

इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि जब राज्य सरकारें श्रमिकों को एंट्री नहीं दे रही हैं तो वे जा कहां रहे हैं? राउत ने रोखटोक कॉलम में लिखा कि लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम का एक महात्मा तैयार हो गया. उन्होंने लिखा कि इतने झटके और चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है?

भाजपा ने किया पलटवार

राउत ने मजदूरों को बस में भेजने के लिए खर्च किए गए पैसों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि सोनू सूद बीजेपी का मुखौटा हैं. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी शिवसेना पर आक्रामक हो गयी है. भाजना नेता राम कदम ने शिवसेना के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, एक ट्वीट कर कहा, कोरोना संकट काल में इंसानियत के नाते मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले सोनू सूद पर संजय राउत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. खुद की सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम हो गई? यह सच्चाई सोनू सूद पर आरोप लगाकर छुप नहीं सकती. जिस काम की सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?


इस सिनेमा का डायरेक्टर कोई और

‘सामना’ में आए इस लेख के बाद सोशल मीडिया पर लोग संजय राउत और शिव सेना की आलोचना करने लगे. लगातार उठ रहे सालों के बीच राउत ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि सोनू सूद अच्छे एक्टर हैं. लेकिन इस फिल्म का डायरेक्टर कोई और है. उनके द्वारा किया जा रहा कार्य बाकई अच्छा है लेकिन पूरी संभावना है कि इसके पीछे कोई पॉलिटिकल डायरेक्टर हो.

Posted By: Utpal kant

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