Seraikela Kharsawan News : मौसम बदलते ही बढ़ीं बीमारियां वायरल व टाइफाइड का प्रकोप
खरसावां सीएचसी में नहीं है भर्ती की सुविधा, गंभीर मरीजों को हो रही परेशानी
खरसावां. मौसम में बदलाव के साथ ही खरसावां और कुचाई क्षेत्र में वायरल बुखार, मलेरिया और टाइफाइड जैसी मौसमी बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. डॉक्टरों के अनुसार, ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में से करीब 70 फीसदी मरीज वायरल फीवर से पीड़ित हैं. खरसावां सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में रोजाना 30 से 35 मरीज वायरल बुखार, मलेरिया और टाइफाइड के इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इसी तरह कुचाई सीएचसी और कल्याण अस्पताल में भी लगभग यही स्थिति बनी हुई है. बारिश के साथ-साथ तेज धूप और उमस भरी गर्मी की वजह से लोगों में सर्दी, खांसी, गले में खराश और पेट से संबंधित बीमारियों की शिकायतें भी बढ़ी हैं. पिछले दो सप्ताह में अस्पतालों में मरीजों की संख्या में काफी बढ़ी है. वायरल बुखार बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है. स्थिति यह है कि ओपीडी खुलते ही मरीजों की लंबी कतारें लग जाती हैं और डॉक्टरों के आते ही इलाज के लिए अफरा-तफरी मच जाती है.
अस्पताल प्रबंधन बोला-बदलते मौसम में लोग सतर्क रहें
खरसावां सीएचसी में इनडोर मरीज विभाग (आइपीडी) की सुविधा नहीं है. ऐसे में मलेरिया और टाइफाइड जैसे गंभीर बुखार से पीड़ित मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराना संभव नहीं हो पाता है. ब्लड सैंपल की जांच और दवा तो उपलब्ध है, लेकिन मरीजों को निगरानी में रखने की सुविधा नहीं होने से उन्हें इलाज के लिए सरायकेला, कुचाई या खरसावां के निजी अस्पतालों में भर्ती करना पड़ रहा है.वायरल बुखार के सामान्य लक्षण:
शरीर में तेज दर्द, गले में खराश और जलन, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर हल्के चकत्ते, सिर दर्द, खांसी और तेज बुखारडॉक्टरों की सलाह:
बुखार के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें, केवल डॉक्टर की सलाह से दवा लें, ब्लड टेस्ट अवश्य कराएं, बारिश में भीगने से बचें, उबला हुआ पानी पीएं, घर और कार्यस्थल के आसपास सफाई रखें– मौसम के उतार-चढ़ाव के कारण वायरल बुखार सक्रिय हो जाता है. इससे शरीर की प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे वायरस आसानी से शरीर में प्रवेश कर लेता है. इसलिए लक्षण दिखते ही मरीज को डॉक्टर से परामर्श लेकर तुरंत जांच और इलाज शुरू कर देना चाहिए.
-डॉ. सुशील कुमार
, चिकित्सक, कुचाई-खरसावांबरसात में डेंगू को लेकर अलर्ट मोड पर जिला स्वास्थ्य विभाग
बरसात के मौसम में सरायकेला-खरसावां जिला स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर सतर्कता बढ़ा दी है. पड़ोसी जिला पूर्वी सिंहभूम में डेंगू के दो मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं. इसके बाद विभाग द्वारा जिले में तेजी से लार्वा जांच एवं जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है. सिविल सर्जन डॉ सरयू प्रसाद सिंह ने बताया कि डेंगू मच्छर जनित रोग है और इसके मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम जगह-जगह जाकर लोगों को कूलर, गमला और टायर में पानी जमा न होने देने की सलाह दे रही है. उन्होंने कहा कि डेंगू का प्रकोप शहरी क्षेत्र में अधिक होता है, इसलिए सरायकेला, आदित्यपुर और कपाली नगर परिषद द्वारा नियमित फॉगिंग करायी जा रही है.
सदर अस्पताल में जांच की सुविधा
सिविल सर्जन ने बताया कि सदर अस्पताल सरायकेला में डेंगू की जांच की सुविधा उपलब्ध है. लक्षण दिखने पर मरीजों की तुरंत जांच की जा रही है.
– फिलहाल हमारे जिले में डेंगू के एक भी मरीज नहीं है. डेंगू से बचाव को लेकर हमारी टीम लोगों को जागरूक कर रही है. सदर अस्पताल सरायकेला में डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध है. आवश्यकता पड़ने पर जांच शुरू किया जाएगा.-डॉ सरयू प्रसाद सिंह
, सिविल सर्जन, सरायकेला -खरसावांडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
