Seraikela Kharsawan News : जीवन में सच्चाई और अनुशासन अपनायें विद्यार्थी : रामनाथ आचार्य

सरस्वती शिशु मंदिर में विजयादशमी उत्सव व भारत माता का पूजन

By ATUL PATHAK | October 5, 2025 10:56 PM

सरायकेला. सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल, सरायकेला में रविवार को विजयादशमी उत्सव एवं भारत माता पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य, दीदीजी, विद्या परिषद के सदस्य एवं प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत प्रबंध करणी समिति के अध्यक्ष रामनाथ आचार्य ने दीप प्रज्वलन से की, जिसके बाद भारत माता पूजन एवं आरती की गयी. विद्यालय के प्रधानाचार्य पार्थ सारथी आचार्य ने विजयादशमी के महत्व को सरल शब्दों में समझाया और बताया कि यह पर्व केवल भगवान श्रीराम की विजय का प्रतीक नहीं, बल्कि सत्य, धर्म और न्याय की अन्याय, अधर्म और असत्य पर विजय का संदेश देता है. उन्होंने छात्रों से अपने जीवन में सच्चाई, अनुशासन और मेहनत अपनाने का आग्रह किया. विद्यालय अध्यक्ष रामनाथ आचार्य ने कहा कि हमें अपने धर्म और संस्कृति के प्रति निष्ठावान रहना चाहिए और देश के गौरव को बनाए रखना है. कार्यक्रम में आरएसएस के 100 वर्ष पूरे होने पर उनके आदर्शों एवं कार्यों का उल्लेख करते हुए संघ के योगदान की सराहना की गयी. कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति गीत और भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी हुआ. समापन भारत माता के जयकारे से हुआ. उपप्रधानाचार्य तुषारकांत पति सहित अन्य अधिकारी कार्यक्रम में उपस्थित थे.

अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर कविता पाठ में शिक्षक विश्वरंजन त्रिपाठी सम्मानित

अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर नेपाल की संस्था शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन द्वारा “शिक्षण को एक सहयोगी पेशे के रूप में पुर्ननिर्धारित करें” विषय पर कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस आयोजन में देश-विदेश के 2143 शिक्षकों ने भाग लिया, जिनमें से 214 शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय शिक्षक रत्न मानद उपाधि सम्मान से सम्मानित किया गया. प्रतियोगिता में झारखंड के सिमडेगा जिले के शिक्षक-कवि अंजनी कुमार सिंह ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. वहीं, खरसावां के राजकीय प्लस टू उच्च विद्यालय के संस्कृत शिक्षक विश्व रंजन त्रिपाठी ने भी अपनी उत्कृष्ट कविता प्रस्तुति से विशेष छाप छोड़ी और उन्हें प्रशस्ति पत्र व प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया. इस उपलब्धि से जिले के शिक्षकों में गर्व और उत्साह का माहौल है. इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य नेपाल और भारत के बीच सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संबंधों को मजबूत करना, हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि के प्रचार-प्रसार को प्रोत्साहित करना है.

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