आसर का ऑनलाइन कवि सम्मेलन, कोल्हान के वाइस चांसलर बोले- कविता से भाषा व साहित्य होती है मजबूत

Jharkhand news, Saraikela news : सिंहभूमि ओड़िया कविता आसर की ओर से ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सिंहभूम के विभिन्न क्षेत्रों के कवियों के साथ- साथ ओड़िशा से भी ओड़िया कवियों ने कविता पाठ किया. डिजिटल कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा तथा विशिष्ठ अतिथि के रूप में सरायकेला राजघराने के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव शामिल हुए. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सिंहभूमि ओड़िया कविता आसर के अध्यक्ष विष्णुपद सिंहदेव ने किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2020 8:55 PM

Jharkhand news, Saraikela news : सरायकेला (शाचिन्द्र कुमार दाश) : सिंहभूमि ओड़िया कविता आसर की ओर से ऑनलाइन डिजिटल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सिंहभूम के विभिन्न क्षेत्रों के कवियों के साथ- साथ ओड़िशा से भी ओड़िया कवियों ने कविता पाठ किया. डिजिटल कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में कोल्हान यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा तथा विशिष्ठ अतिथि के रूप में सरायकेला राजघराने के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव शामिल हुए. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सिंहभूमि ओड़िया कविता आसर के अध्यक्ष विष्णुपद सिंहदेव ने किया.

सामाजिक समरसता को मिलती है मजबूती

मौके पर केयू के कुलपति प्रो (डॉ) गंगाधर पांडा ने डिजिटल कवि सम्मेलन के आयोजन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से भाषा एवं साहित्य सशक्त होता है. उन्होंने आगे भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन पर बल देते हुए सामाजिक समरसता को मजबूत करने संबंधी कविता पाठ किया. वहीं, राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव ने कहा कि भाषा, साहित्य एवं संस्कृति में ही हमारी पहचान छिपी हुई है. उन्होंने कोरोना काल में इसे एक साकारात्मक पहल बताया.

Also Read: सीएम हेमंत मैट्रिक व इंटर के टॉपर्स को करेंगे सम्मानित, स्वच्छ स्कूल भी होंगे पुरस्कृत

ओड़िया भाषा विकास परिषद, झारखंड के अध्यक्ष डॉ नागेश्वर प्रधान ने भी कार्यक्रम की सराहना करते हुए भाषा-साहित्य को बढ़ावा देने की बात कही. ओड़िया कवि सम्मेलन में कविता रचना और प्रबंधन रामादेवी महिला विश्वविद्यालय भुवनेश्वर की ओडिया प्रोफेसर हिमाद्री तन्या मिश्रा, उत्कल सम्मिलनी के सरोज कुमार प्रधान, डॉ सुरेश चंद्र दास, प्रदीप कुमार दास, पीके नंद, कुसुम मणि दास, दिलीप प्रधान, सच्चिदानंद प्रधान, मिहिर प्रधान, डॉ लक्ष्मीकांत मोहंती, विनय पटनायक, डॉ बिन्नी सदांगी आदि शामिल हुए.

इन कवियों ने किया उड़िया कविता पाठ

सिंहभूमि ओड़िया कविता आसर में ओड़िया कविता का पाठ करने वाले कवियों में ईचा के विष्णुपद सिंहदेव, प्रदीप नारायण सिंहदेव, जमशेदपुर के काशीनाथ गौड़, सस्मिता पात्रा, डॉ उत्पल दास, मुसाबनी के शंभूनाथ सत्पति, मयूरभंज (ओड़िशा) के सुभाष चंद्र होता, बबीता बेहरा, मोतीलाल कर, चक्रधरपुर के सुष्मितांजली दास, विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) की शर्मिष्ठा पेली, खरसावां के सुशील षाड़ंगी, नयी दिल्ली की आरती साहू के अलावा शुवेंदु प्रकाश मिश्रा, रीता रानी नंद, प्रतिभा प्रधान, सत्य पति, प्रदीप कुमार दास, सविता बाईसी, सत्य प्रकाश कर, झुना कर, तिलोत्तो दीक्षित, रचिता मोहंती, गोकुल नापित, मीनति दास, गौरी शंकर प्रधान, अनीता प्रीतम, अनली नायक, निरुपमा प्रधान, रमेश चंद्र प्रधान, संगीता प्रधान, पीताबास प्रधान, सुनीता कुमारी प्रधान, विद्यावती गिरी, अंबिका चरण दीक्षित, बिंदावती प्रधान समेत 40 ओड़िया कवियों ने हिस्सा लिया. कवियों ने सिंहभूम की समृद्ध संस्कृतिक विरासत को भी कविताओं के माध्यम से रेखांकित किया.

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version