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आठ प्रखंडों में पंचायत सचिव संभाल रहे हैं बीपीआरओ का प्रभार

जिले के चार प्रखंडों में रिक्त हैं पंचायतीराज के प्रखंड समन्वयक के पद, विकास कार्य सुस्त

By Prabhat Khabar News Desk | March 7, 2025 8:37 PM
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बरहरवा. पंचायतों में पंचायतीराज के सुदृढ़ीकरण व 15वें वित आयोग की योजनाओं को शत-प्रतिशत धरातल पर उतारे जाने में प्रखंड पंचायतराज पदाधिकारी (बीपीआरओ) का महत्वपूर्ण योगदान होता है. जिले में लंबे अरसे से बीपीआरओ का प्रभार पंचायत सचिव के जिम्मे है. 9 प्रखंडों में से 8 प्रखंडों में पंचायत सचिव बीपीआरओ के प्रभार में हैं. ये पंचायत सचिव अपने पंचायत का काम देखने के साथ-साथ बीपीआरओ का काम भी देख रहे हैं. इससे कहीं ना कहीं पंचायत के विकास पर भी असर पड़ रहा है. यदि प्रखंडों में बिना प्रभार वाले बीपीआरओ नियुक्त रहते तो इससे ग्रामीण इलाकों के विकास में काफी सहायता मिल सकती थी. वर्तमान समय में मात्र पतना प्रखंड में ही बीपीआरओ की नियुक्ति हुई है. वहीं, साहिबगंज सदर, तालझारी, मंडरो, राजमहल, उधवा, बरहरवा, बरहेट, बोरियो प्रखंड में पंचायत सचिव के जिम्मे बीपीआरओ का प्रभार है. ऐसी स्थिति में जिले के विभिन्न पंचायतों में 15वें वित्त की योजनाओं के साथ-साथ पंचायतों के विकास संबंधी कार्य भी सही ढंग से निष्पादित नहीं हो पा रहे हैं. बीपीआरओ पंचायत समिति के बतौर कार्यपालक पदाधिकारी भी हैं यानी की पंचायत समिति की बैठकों के मुख्य कर्ता धर्ता बीपीआरओ ही होते हैं. इसके अलावे जिले के जिला पंचायत राज पदाधिकारी भी वर्तमान समय में अपने पद के अलावे इस पद के अतिरिक्त प्रभार में हैं. वहीं जिले के 4 प्रखंड तालझारी, बरहरवा, सदर व बरहेट प्रखंड में पंचायतीराज के प्रखंड समन्वयक के पद रिक्त हैं. इससे पंचायतों के विकास कार्य में सुस्ती आने की संभावना है. मिली जानकारी के अनुसार, प्रखंड के पंचायतों में प्रखंड समन्वयक 15वें वित्त आयोग के तहत पंचायतों के विकास कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसके साथ-साथ पंचायत समिति के कार्य भी किये जाते हैं. इसमें पंचायतों के सुदृढ़ीकरण पर फोकस रहता है. प्रखंड समन्वयक के नहीं रहने से पंचायतों के ग्रामीण इलाकों के सेवा कार्य यथा जाति, आय, निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने, ग्रामसभा का आयोजन करने, वार्षिक कार्ययोजना बनाने, जीपीडीपी का आयोजन करने में परेशानी हो सकती है. कहते हैं पदाधिकारी….. जिला पंचायतराज पदाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि जिले में पदाधिकारियों की कमी है. इसे लेकर विभाग को अवगत कराया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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