बीएड की मान्यता रद्द होने को लेकर विद्यार्थियों में संशय, कॉलेज प्रशासन से पूछे सवाल

प्राचार्य से मिला छात्रों का प्रतिनिधिमंडल,

By Prabhat Khabar News Desk | March 10, 2025 8:17 PM

साहिबगंज. शिक्षा का सपना संजोये दर्जनों छात्रों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. साहिबगंज बीएड कॉलेज और गोड्डा बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द होने की सूचना से बीएड सत्र 2023-25 और 2024-26 के छात्र-छात्राओं में भारी चिंता व्याप्त हो गयी है. सोमवार को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कॉलेज प्राचार्य से मिलकर छह सूत्रीय मांग पत्र सौंपा और स्थिति स्पष्ट करने की मांग की. बीएड सत्र 2024-26 के छात्र अमन कुमार और सद्दाम हुसैन ने बताया कि मान्यता रद्द होने से सैकड़ों छात्रों का भविष्य अंधकार में पड़ सकता है. जिले के कई छात्र जो शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे, वे अब असमंजस में हैं. छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से पूछा कि जब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने कारण बताओ नोटिस (शो-कॉज) जारी किया था, तब समय रहते समाधान क्यों नहीं निकाला गया. उन्होंने यह भी जानना चाहा कि मान्यता बहाल करने की कोई प्रक्रिया चल रही है या नहीं, और यदि मान्यता बहाल नहीं होती, तो छात्रों के लिए वैकल्पिक समाधान क्या होगा. प्राचार्य ने छात्रों को आश्वस्त किया कि वर्तमान सत्र के छात्रों को किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी. उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रशासन सभी खामियों को जल्द से जल्द दूर करने का प्रयास कर रहा है. मान्यता बचाने के लिए कॉलेज प्रशासन की कोशिशें तेज एनसीटीई के नियमानुसार आवश्यक शर्तों को पूरा न करने के कारण साहिबगंज और गोड्डा बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गयी है. अब कॉलेज प्रशासन तेजी से उन सभी कमियों को दूर करने में जुट गया है, जिससे मान्यता बहाल की जा सके. एनसीटीइ ने इन कमियों को बताया था रद्द होने का कारण राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की पूर्वी क्षेत्रीय समिति ने अपने पत्र में कॉलेज की कई खामियों को उजागर किया है, जिनमें प्रमुख रूप से बीएड भवन का सेफ्टी सर्टिफिकेट न होना, जमीन के दस्तावेजों की कमी, विषयवार शिक्षकों की अनुपलब्धता, फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट का अभाव, शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन भुगतान से संबंधित दस्तावेज जमा न होना शामिल हैं. बिल लंबित, शिक्षक नियुक्ति का भी इंतजार साहिबगंज बीएड कॉलेज के एचओडी ने बताया कि भवन की फायर सेफ्टी के लिए जमशेदपुर टाटा से विशेषज्ञों को बुलाकर निरीक्षण करवाया गया था. लगभग साढ़े सात लाख रुपये का कोटेशन विश्वविद्यालय को भेजा गया है, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है. वहीं, शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर भी कॉलेज प्रशासन परेशान है. नियमानुसार कॉलेज में 15 शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से एक एचओडी और 6 शिक्षक ही कार्यरत हैं. साइकोलॉजी, साइंस, कॉमर्स, हिस्ट्री, सोशल साइंस और म्यूजिक के विषयों के लिए केवल एक-एक शिक्षक उपलब्ध हैं. बार-बार पत्राचार करने के बावजूद विश्वविद्यालय ने अभी तक विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की है. 2006 से संचालित हो रहा बीएड कॉलेज, गरीब छात्रों के लिए अहम साहिबगंज कॉलेज में बीएड की पढ़ाई वर्ष 2006 से हो रही है, और 2014 में इसे नए भवन में स्थानांतरित किया गया था. हर वर्ष करीब 100 छात्र यहां से बीएड की पढ़ाई पूरी करते हैं. साहिबगंज जिला एक पिछड़ा क्षेत्र है, जहां विशेष रूप से गरीब और आदिवासी छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को होगी परेशानी अगर बीएड कॉलेज की मान्यता रद्द होने से अब जिले के आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को बीएड की पढ़ाई से वंचित होना पड़ेगा, क्योंकि वे दूसरे जिलों या राज्यों में जाकर पढ़ाई करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में प्रशासन से अपेक्षा है कि वह जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेज पूरे कर मान्यता बहाल करवाने के लिए ठोस कदम उठाए, ताकि सैकड़ों छात्रों का भविष्य सुरक्षित रह सके.

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