गणतंत्र दिवस की झांकियों में जनजातीय मंत्रालय की झांकी को प्रथम स्थान, अर्जुन मुंडा ने कही ये बात

जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एकलव्य विद्यालयों के जरिये आदिवासी समाज को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिये जनजातीय कल्याण को प्रदर्शित किया था. अर्जुन मुंडा ने कहा कि दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये जनजातीय कलाकारों ने मनभावन प्रस्तुति दी. उन्हें सम्मानित कर आह्लादित हूं.

By Mithilesh Jha | January 31, 2023 10:08 PM

भारत के 74वें गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर निकली भव्य परेड में केंद्रीय मंत्रालयों के साथ-साथ राज्यों की झांकियों का भी प्रदर्शन किया गया था. केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की झांकी को प्रथम पुरस्कार मिला है. केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने यह पुरस्कार ग्रहण किया. पुरस्कार ग्रहण करने के बाद श्री मुंडा ने अपने मंत्रालय की इस उपलब्धि पर विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई दी.

झांकी कलाकारों के सम्मान समारोह में शामिल हुए अर्जुन मुंडा

उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय के द्वारा गणतंत्र दिवस समारोह में देश भर के जनजातीय अतिथियों और झांकी कलाकारों के सम्मान में आयोजित स्वागत समारोह में शामिल होने का अवसर मिला. आज का यह समारोह मंत्रालय के लिए इसलिए भी उपलब्धियों का रहा, क्योंकि कल ही मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की झांकियों में मंत्रालयों और विभागों की श्रेणी में श्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार हासिल किया.

देश भर के जनजातीय कलाकारों ने दिल्ली में दी प्रस्तुति

अर्जुन मुंडा ने कहा कि आज दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से आये जनजातीय कलाकारों ने मनभावन प्रस्तुति दी. उन्हें सम्मानित कर आह्लादित हूं. बता दें कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने एकलव्य विद्यालयों के जरिये आदिवासी समाज को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के जरिये जनजातीय कल्याण को प्रदर्शित किया था.

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23 झांकियों ने लिया था हिस्सा

बता दें कि 26 जनवरी, 2023 को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और सुदृढ़ आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का प्रदर्शन करते हुए 23 झांकियों ने हिस्सा लिया. इन झांकियों में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की 17 और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की 6 झांकियां कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित की गयी थी.

जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए विशेष महत्व का था वर्ष

जनजातीय कार्य मंत्रालय के लिए यह वर्ष विशेष महत्व का था, क्योंकि पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) योजना पर झांकी प्रदर्शित की गयी थी. झांकियों की चयन प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ समिति द्वारा विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की झांकी के प्रस्तावों की जांच की जाती है, जिसमें झांकी का शीर्षक, प्रस्तुति, सौंदर्यशास्त्र और तकनीकी तत्वों पर जोर दिया जाता है.

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना का उद्देश्य

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय योजना के अंतर्गत जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा स्थापित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय यह सुनिश्चित करते हैं कि प्राचीन भारत में गुरुकुलों के समय प्रकृति की गोद में जिस तरह से शिक्षा प्रदान की जाती थी, उसी तरह देश के दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले जनजातीय समुदायों के बच्चों तक सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचनी चाहिए.

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